छत्तीसगढ़ के कृषि विकास में पूर्ण सहयोग देगा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद

छत्तीसगढ़ के कृषि विकास में पूर्ण सहयोग देगा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद

कुलपति डॉ. चंदेल ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक से मुलाकात की

रायपुर, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. मांगीलाल जाट से मुलाकात कर उन्हे विश्वविद्यालय द्वारा संचालित शिक्षण, अनुसंधान एवं प्रस्तार गतिविधियों की जानकारी दी। डॉ. चंदेल ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. जाट से विश्वविद्यालय एवं इसके अंतर्गत संचालित विभिन्न महाविद्यालयों की अधिमान्यता के संबंध में चर्चा की और महाविद्यालयों को शीघ्र अधिमान्यता प्रदान करने का अनुरोध किया। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों से संबंधित विषयों एवं समस्याओं से डॉ. जाट को अवगत कराया तथा कृषि विज्ञान केंद्रों से संबंधित  समस्याओं के शीघ्र समाधान हेतु अनुरोध किया। इस संबंध में डॉ. जाट ने कहा कि देश भर में संचालित कृषि विज्ञान केन्द्रों की समस्याओं की निराकरण के लिए केन्द्र सरकार द्वारा गंभीर विचार मंथन किया जा रहा है, उन्होंने इनके जल्द ही सुलझने की उम्मीद जताई। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे अनुसंधान एवं विस्तार कार्याे की सराहना की और आशा व्यक्त की कि विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ के किसानों की समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

महानिदेशक डॉ. जाट ने आदिवासी बहुल बस्तर संभाग में कृषि के विकास के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाने पर जोर दिया और कहा कि इस कार्य योजना के क्रियान्वयन में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा। डॉ. जाट ने कहा कि विकसित भारत 2047 के विजन डाक्यूमेंट में कृषि फसलों को केवल पेट भरने का साधन ना मानते हुए इन्हें पोषण तथा स्वास्थ्य रक्षा का स्त्रोत माना गया है। डॉ. जाट ने कहा कि विभिन्न कृषि फसलों की मानव स्वास्थ्य एवं पोषण में उपादेयता जानने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं (आई.सी.ए.आर.) भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आई.सी.एम.आर) मिलकर कार्य करेंगे। उन्होंने विभिन्न फसलों की पोषकता बढ़ाने हेतु इनके बायोफोर्टिफिकेशन पर जोर दिया। डॉ. चंदेल ने जानकारी दी कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विभन्न फसलों के बायोफोर्टिफिकेशन पर काफी कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर कुलपति डॉ. चंदेल ने डॉ. जाट को छत्तीसगढ़ आने का निमंत्रण दिया, जिसे उन्होनें सहर्ष स्वीकार किया।