मध्यप्रदेश के खाते में देश की दो सबसे बड़ी जीत, बना जीत के अंतर का नया रिकॉर्ड

मध्यप्रदेश के खाते में देश की दो सबसे बड़ी जीत, बना जीत के अंतर का नया रिकॉर्ड

भोपाल, लोकसभा चुनाव 2024 में 543 सीटों में से कई सीटों पर प्रत्‍याशियों की जीत घोषित हो चुकी है। चुनाव आयोग ने विजेताओं की लिस्‍ट जारी की है। जीतने वाले प्रत्याशियों में मप्र के खाते में सबसे बडी जीत हासिल हुई है। अब तक देश में सबसे बड़ी जीत हासिल करने वाले नेताओं में मप्र के दो नेता शामिल हैं।

इंदौर से शंकर लालवानी की रिकॉर्ड जीत 

अब तक सबसे बड़ी जीत दर्ज कराने वाले नेता शंकर लालवानी हैं। शंकर लालवानी ने इंदौर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। शंकर लालवानी ने 12 लाख 26 हजार 751 वोट हासिल किए हैं। शंकर लालवानी की जीत को देश की सबसे बड़ी जीत माना जा रहा है। जीत का अंतर 11,75,092 है।

दूसरे नंबर पर शिवराज सिंह चौहान

देश में दूसरी सबसे बड़ी जीत शिवराज सिंह चौहान की मानी जा रही है। उन्‍होंने विदिशा लोकसभा सीट से जीत हासिल की है। शिवराज ने कांग्रेस के प्रताप भानु शर्मा को 8 लाख से ज्यादा मतों से पराजित किया है। 

2019 में सबसे बड़ी जीत

भाजपा के सीआर पाटिल ने 2019 में गुजरात के नवसारी लोकसभा सीट पर 6,89,668 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। 2019 में दूसरी सबसे बड़ी जीत राजस्थान के भीलवाड़ा में भाजपा ने दर्ज की थी। सुभाष बहेड़िया ने 6,12,000 मतों के अंतर से अपने प्रतिद्वंदी को करारी शिकस्त दी थी। 

मोदी के नाम बना था 2014 में रिकॉर्ड

पीएम मोदी ने 2014 में गुजरात के वडोदरा से 5,70,128 वोट से जीत हासिल की थी। यह 2014 की सबसे बड़ी जीत थी। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी 1984 में उत्तर प्रदेश के अमेठी में मेनका गांधी को 3,14,878 वोट से हराकर उस साल के चुनावों में सर्वाधिक वोटों से जीतने वाले प्रत्याशी बने थे। 

पासवान के नाम है अनूठा रिकॉर्ड

लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के नाम एक ऐसा रिकॉर्ड है, जिसकी बराबरी करना किसी भी नेता के लिए मुश्किल है। उन्होंने दो आम चुनावों में सर्वाधिक वोटों से जीत हासिल की थी। पासवान ने 1989 के आम चुनाव में बिहार की हाजीपुर सीट से 5,04,448 वोट से जीत दर्ज की थी। इससे पहले 1977 में उन्होंने भारतीय लोक दल के नेता के तौर पर 4,24,545 वोट से जीत दर्ज की थी। 2009 के लोकसभा चुनाव में नगालैंड पीपुल्स फ्रंट के सीडब्ल्यू चांग ने नगालैंड सीट पर 4,83,021 वोट से जीत हासिल की थी।

न्य चुनावों की बात करें तो 1998 में भाजपा के वल्लभ भाई रामजी भाई कठीरिया ने राजकोट सीट पर 3,54,187 वोट से जीत हासिल की थी। 1999 में कांग्रेस के के. असुंगवा संगताम ने नगालैंड सीट पर 3,53,598 वोट से जीत दर्ज की थी। 1996 के चुनावों में द्रमुक के एनवीएन सोमू ने तमिलनाडू की मद्रास उत्तर सीट पर 3,89,617 वोट से जीत हासिल की थी। 1962 के लोकसभा चुनावों में गायत्री देवी ने 1962 में जयपुर से स्वतंत्र पार्टी की उम्मीदवार के तौर पर 1,57,692 वोट से जीत हासिल की थी। 1980 के आम चुनाव में रीवा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर महाराज मार्तंड सिंह ने 2,38,351 वोट से जीत हासिल की थी। 

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