एनसीईआरटी बड़ा फैसला: सिलेबस में अब से रामायण और महाभारत को भी पढ़ाया जाएगा
नई दिल्ली, स्कूल में जब हिस्ट्री का विषय पढ़ाया जाता था तो उस में मुग़ल हिस्ट्री का जिक्र सब से ज्यादा होता था। लेकिन हाल ही में हुए इंडिया और भारत, देश के नाम को लेकर विवाद में एनसीईआरटी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए किताबों में भारत की हिस्ट्री पर ज्यादा जोर देने की बात की थी। बता दें कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के सिलेबस में अब से रामायण और महाभारत को भी पढ़ाया जाएगा।
7 सदस्यीय हाई लेवल पैनल ने रखा प्रस्ताव
एनसीईआरटी की 7 सदस्यीय हाई लेवल पैनल ने सोशल साइंस की किताबों में रामायण और महाभारत के पाठ को पढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। पैनल के अध्यक्ष सी आई इसाक ने साथ ही बताया कि सिफारिशों में देश की सभी क्लास की दीवारों पर द प्रिएंबल ऑफ द कॉन्स्टीट्यूशन को स्थानीय भाषा में अंकित कर बच्चों को इसके बारे में बताना भी शामिल किया है। इसके अलावा पैनल ने इतिहास को चार अवधियों में क्लासिफाइड करने को भी कहा है।
अब इतिहास को चार भागों बांटा जाएगा
पहले इतिहास की किताबों को तीन भागों में क्लासिफाइड किया गया था जो कि प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारत के भागों में था। लेकिन अब इतिहास को चार भागों बांटा जाएगा प्राचीन काल, मध्यकालीन काल, ब्रिटिश युग और आधुनिक भारत। इससे पहले भी पैनल ने एक बड़े बदलाव करने की कोशिश की थी। पैनल के परसताव के मुताबिक पुस्तकों में देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत करने को कहा था।इसके इलावा प्राचीन इतिहास के बजाय शास्त्रीय इतिहास को शुरु करने की अपील की थी।
3 से 12 तक की पुस्तकों में मुग़ल हिस्ट्री की जगह हिन्दू हिस्ट्री
इसके साथ ही पैनल ने कक्षा 3 से 12 तक की पुस्तकों में मुग़ल हिस्ट्री की जगह हिन्दू हिस्ट्री, उनकी सफलता के बारे में पढऩे का प्रस्ताव रखा था। पैनल के अध्यक्ष ने कॉन्स्टीट्यूशन पर भी जोर देते हुए, इसकी महत्वता बताई थी उन्होंने कहा कॉन्स्टीट्यूशन लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता जैसे सामाजिक मूल्यों को रेखांकित करता है। इस लिए देश केे बारे में बेहतर तरीके से समझने के लिए इसे कक्षा की दीवारों पर प्रदर्शित करने को कहा। इस समिति को एनसीईआरटी की किताबों में नया बदलाव हेतु पिछले साल ही बनाया गया था। हालांकि, एनसीईआरटी का अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) 2020 के अनुसार एनसीईआरटी की पुस्तकें में आने वाले नए सेशन से बदलाव की उम्मीद है।