एनआईए ने 8 राज्यों में की छापेमारी, 170 दहशतगर्द गिरफ्तार

एनआईए ने 8 राज्यों में की छापेमारी, 170 दहशतगर्द गिरफ्तार

नई दिल्ली/भोपाल/इंदौर। टेरर फंडिंग और युवाओं को हिंसा के लिए उकसाने के मामले में मंगलवार को एनआईए ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के 8 राज्यों में छापे मारकर 170 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें कर्नाटक पीएफआई के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सचिव भी शामिल हैं। पिछली बार मारे गए छापे की तरह इस बार भी छापे की योजना को गुप्त रखा गया था और रात 12 बजे से छापे की कार्रवाई शुरू हो गई थी, जो सुबह तक चलती रही।  हाल ही में पीएफआई के खिलाफ हुई छापेमारी के सबूतों के आधार पर एनआईए के निर्देश पर उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, असम, कर्नाटक, दिल्ली, महाराष्ट्र और केरल में राज्य पुलिस और एटीएस द्वारा छापामारी की गई है। छापे में कर्नाटक से सर्वाधिक 75 लोग गिरफ्तार किए गए, जबकि उत्तरप्रदेश के औरंगाबाद से 13, लखनऊ 10, असम से 21, दिल्ली से 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया। दिल्ली से स्पेशल सेल के 4 संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया है।

देशभर में अघोषित युद्ध छेडऩे वाला था
खुफिया एजेंसी को इस बात की पुख्ता जानकारी मिली थी कि पीएफआई ने सरकार के खिलाफ हिंसक कार्रवाई का निर्णय लिया था और वह देशभर में अघोषित युद्ध छेडऩे वाला था। इसके लिए पीएफआई ने बयाथिस, जो एक अरबी शब्द है, का रास्ता चुना था, जिसका मतलब मौत का सौदागर या फिदायीन होता है, जो अपने आमिर के लिए मरने या मारने की कसम खाते हैं।

निशाने पर निशाने पर सरकारी एजेंसियों के अफसर, भाजपा और संघ के नेता
पीएफआई के निशाने पर सरकारी एजेंसियों के अफसर, भाजपा और संघ के नेता निशाने पर थे। वे इनको मारने के लिए लगातार बैठके कर रहे थे, लेकिन छापे की कार्रवाई में साजिश नाकाम हो गई।

शाहीन बाग में  30 लोग हिरासत में
दिल्ली के शाहीन बाग में एनआईए की टीम ने मंगलवार सुबह छापा मारकर 30 लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें से कुछ के बारे में एनआईए को पुख्ता सूचना मिली थी, जबकि कुछ को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया गया है। इस एक्शन के दौरान पूरे शाहीन बाग में केंद्रीय सुरक्षा बल सीआरपीएफ की तैनाती कर दी गई है। शाहीन बाग में ही सीएए-एनआरसी के खिलाफ कई महीने तक लगातार प्रदर्शन हुआ था।

मप्र के सात जिलों में 21 संदिग्धों को पकड़ा
मप्र में एक हफ्ते के भीतर दूसरी बार पीएफआई पर छापेमारी हुई है। एनआईए और मध्यप्रदेश पुलिस ने प्रदेश के सात शहरों में छापेमारी की है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, श्यापुर, गुना, नीमच जैसे शहरों में छापे मारकर एनआईए और एमपी एटीएस ने 21 से ज्यादा संदिग्धों को हिरासत में लिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है। इससे एक हफ्ते पहले एनआईए ने प्रदेश के इंदौर और उज्जैन में छापेमारी की थी, इसमें पीएफआई के चार सदस्यों को हिरासत में लिया गया था। एनआईए और मध्यप्रदेश एटीएस ने सोमवार देर रात को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, श्यापुर, गुना, नीमच में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की। इंदौर से सईद टेलर निवासी छत्रीबाग, दानिश गौरी निवासी माणिकबाग, तौशिफ छिपा निवासी छिपा बाखल, यूसुफ़ निवासी छिपा बाखल, वसीम निवासी ग्रीन पार्क कॉलोनी को गिरफ्तार किया है। इंदौर से आठ संदिग्धों को पकडऩे के लिए छापेमारी की गई थी। इसमें से तीन हाथ नहीं लगे। उज्जैन के महिदपुर से चार संदिग्धों को पकड़ा गया है। नीमच से दो, शाजापुर से चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। पूरे प्रदेश में 35 से ज्यादा लोग एजेंसियों की निगरानी में थे।

महीने में सात से चालीस हजार रुपये तक दिए जाते थे
प्रदेश में कट्टरपंथी विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिए युवाओं को पैसों का लालच देकर जोड़ा जाता था। हर व्यक्ति को महीने में सात से चालीस हजार रुपये तक दिए जाते थे। यह राशि सीधे खाते में डाली जाती थी। जानकारी के अनुसार यह राशि विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिए साहित्य तैयार करने, बंटवाने और ट्रांसपोर्टेशन पर खर्च के लिए दी जाती थी। आरोपियों का मकसद देश के लोगों को भड़का कर भारत में इस्लामिक शरिया कानून लागू करना था।

दूसरे राज्यों से आ रहे थे सदस्य
पीएफआई के सदस्य दूसरे राज्यों से आकर मध्यप्रदेश में बड़ी संख्या में लोगों को जोडऩे का काम कर रहे थे। प्रदेश में सक्रिय पीएफआई के सदस्य लोगों को भ्रमित कर देशविरोधी गतिविधियों के लिए उकसा रहे थे। पीएफआई के सदस्य प्रदेशभर में जगह-जगह मीटिंग कर आपत्तिजनक साहित्य बांटने और देश-विरोधी गतिविधियों के लिए लोगों को तैयार कर रहे थे।

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