बाजार में हाहाकार, 22 लाख करोड़ स्वाहा, 6 दिन में करीब 3500 अंक टूटा सेंसेक्स
नई दिल्ली, शेयर बाजार के निवेशकों का इस समय बुरा हाल है। काटो तो खून नहीं। कारण है बाजार में अचानक और बड़ी गिरावट। लगातार छह दिन से शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है। इससे फेस्टिव सीजन में भी निवेशकों के चेहरे उतरे हुए हैं। गुरुवार को भी बाजार जबरदस्त गिरावट के साथ बंद हुआ। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स 1.41 फीसदी या 900 अंक की गिरावट के साथ 63,148 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 1.39 फीसदी या 264.90 अंक की गिरावट के साथ 18,857 पर बंद हुआ। बाजार बंद होते समय निफ्टी के 50 शेयरों में से 46 शेयर लाल निशान पर और 4 शेयर हरे निशान पर थे। पिछले 6 सत्रों में आई गिरावट से निवेशकों के करीब 22 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए हैं।
लाल निशान पर सभी सेक्टोरल सूचकांक
गुरुवार को सभी सेक्टोरल सूचकांक लाल निशान पर बंद हुए। निफ्टी ऑटो 1.59 फीसदी, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज 1.57 फीसदी, निफ्टी बैंक 1.29 फीसदी, निफ्टी मीडिया 1.27 फीसदी, निफ्टी मेटल 1.62 फीसदी, निफ्टी फार्मा 1.02 फीसदी, निफ्टी प्राइवेट बैंक 1.23 फीसदी, निफ्टी हेल्थकेयर 1.36 फीसदी, और निफ्टी ऑयल एंड गैस 1.50 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ।
6 दिन में करीब 3500 अंक टूट चुका है
बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 6 दिन में करीब 3500 अंक टूट चुका है। शेयर मार्केट में आई इस गिरावट पर बात करते हुए जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के वीके विजयकुमार कहते हैं, 'आर्थिक और भू-राजनीतिक कारणों के चलते वैश्विक शेयर बाजारों में जोखिम पैदा हो गया है। इजराइल-हमास संघर्ष मार्केट्स के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है। अगर संघर्ष लंबे समय तक बना रहता है तो इसका ग्लोबल ग्रोथ पर भी असर पड़ने की संभावना है। जबकि ग्लोबल इकॉनमी पहले से ही मंदी के दौर में है। हालांकि, शॉर्ट टर्म के लिए बाजार में सबसे प्रतिकूल स्थिति अमेरिकी बॉन्ड यील्ड के काफी उच्च स्तर पर चले जाना है। 10-ईयर बॉन्ड यील्ड के 5 फीसदी से ऊपर रहने से एफपीआई के सेलिंग मोड में रहने की आशंका है। बैंकिंग और आईटी जैसे सेक्टर जो एफपीआई के एयूएम का सबसे बड़ा हिस्सा हैं, वहां दबाव रहने की संभावना है। इससे लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स को आकर्षक कीमत में क्वालिटी वाले स्टॉक्स खरीदने का मौका मिलेगा।'