प्रशांत किशोर का दावा: इस बार तेलंगाना और बंगाल में चौकाएगी भाजपा

प्रशांत किशोर का दावा: इस बार तेलंगाना और बंगाल में चौकाएगी भाजपा

नई दिल्ली, भाजपा को लेकर पॉलिटिकल स्ट्रेटजिस्ट प्रशांत किशोर ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की सत्ताधारी पार्टी दक्षिण और पूर्वी भारत में अपनी सीट और वोटों जोरदार वृद्धि करेगी। कर्नाटक को छोड़कर इन दो क्षेत्रों में पार्टी बहुत कमजोर है। 'पीटीआई' को दिए इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कहा कि बीजेपी के स्पष्ट प्रभुत्व के बावजूद, न तो पार्टी और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अजेय हैं। उन्होंने इशारा किया कि विपक्ष ने आलस्य और गलत रणनीतियों के कारण अवसरों को गंवा दिया, जबकि उनके पास बीजेपी के रथ को रोकने की तीन यथार्थवादी संभावनाएं थीं।

तेलंगाना में बीजेपी इस लोकसभा चुनाव में पहले या दूसरे नंबर की पार्टी होगी 

प्रशांत किशोर ने कहा कि तेलंगाना में बीजेपी इस लोकसभा चुनाव में पहले या दूसरे नंबर की पार्टी होगी। वह निश्चित रूप से ओडिशा में नंबर एक होगी। मेरी राय में पश्चिम बंगाल में भी बीजेपी नंबर एक पार्टी बनने जा रही है। तमिलनाडु में बीजेपी का वोट पर्सेंट दोहरे अंक में पहुंच सकता है। तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार और केरल में लोकसभा की कुल 204 सीट हैं। हालांकि, बीजेपी 2014 या 2019 में इन सभी राज्यों में 50 सीट भी नहीं जीत सकी थी। उसने इन राज्यों में 2014 में 29 और 2019 में 47 सीटें हासिल की थीं। देश में लोकसभा की कुल 543 सीट हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बीजेपी के अपने लक्ष्य के मुताबिक, 370 सीट जीतने की संभावना नहीं है।

आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी के लिए सत्ता में वापस आना बहुत मुश्किल 

आंध्र प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव हो रहा है। प्रशांत किशोर ने कहा कि वहां मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के लिए सत्ता में वापस आना बहुत मुश्किल होगा। पीके ने 2019 में जगन मोहन रेड्डी के लिए काम किया था और तब रेड्डी की वाईएसआरसी पार्टी ने तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) को हरा दिया था। टीडीपी अब बीजेपी की सहयोगी है। प्रशांत किशोर ने कहा कि जगन मोहन रेड्डी, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरह, लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के बजाय अपने मतदाताओं के लिए प्रोवाइडर मोड में चले गए हैं।

राहुल गांधी उप्र, बिहार और मप्र छोड मणिपुर और मेघालय का दौरा कर रहे 

बीजेपी ने दक्षिण और पूर्वी भारत में पार्टी विस्तार के लिए पिछले कुछ वर्षों में बड़ा प्रयास किया है। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जैसे पार्टी के नेताओं ने इन राज्यों का लगातार दौरा किया। दूसरी ओर, विपक्ष ने इन राज्यों में बहुत कम प्रयास किए हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि यह गिनें कि पिछले पांच वर्षों में प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी या सोनिया गांधी या किसी अन्य विपक्षी नेता की तुलना में तमिलनाडु के कितने दौरे किए हैं। जाहिर तौर पर राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आपकी लड़ाई उप्र, बिहार और मप्र में है, लेकिन आप मणिपुर और मेघालय का दौरा कर रहे हैं, तो फिर आपको सफलता कैसे मिलेगी।

विपक्ष के पास कोई विमर्श, चेहरा या एजेंडा नहीं  

प्रशांत किशोर ने कहा कि बीजेपी इसलिए जीत रही है क्योंकि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) जैसे दल अपने क्षेत्र में उसका मुकाबला करने में असमर्थ हैं। उनके पास कोई विमर्श, चेहरा या एजेंडा नहीं है। हालांकि, किशोर ने इन कयासों को खारिज किया कि लगातार तीसरी जीत से बीजेपी का प्रभुत्व लंबे समय तक रहने का रास्ता साफ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का पतन 1984 में अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज करने के बाद शुरू हुआ और तब से वह अपने दम पर केंद्र की सत्ता में नहीं आ पाई।

पीके ने बताया क्यों जीत रही भाजपा

पीके ने पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की कथित अजेय यात्रा के बारे में कहा कि यह एक बड़ा भ्रम है। 2014 के बाद जब भी सत्तारूढ़ दल बैकफुट पर रहा तो विपक्षी दल, खासकर कांग्रेस, इसका फायदा उठाने में विफल रही। प्रशांत किशोर ने कहा कि 2015 और 2016 में बीजेपी के लिए चुनावी दौर काफी निराशाजनक रहा। विपक्ष ने उस समय बीजेपी को वापसी करने का मौका दिया, जब वह असम छोड़कर कई विधानसभा चुनाव हार गई ।

मुकाबला करने के बजाय विपक्षी नेता अपने घरों में बैठ गए

नोटबंदी के बाद पार्टी ने उप्र विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की। इसके बाद पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा, गुजरात में हारते- हारते बची । 2018 में कई राज्यों में पार्टी हार गई थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने गलती की। साल 2020 में कोविड के प्रकोप के बाद पीएम मोदी को अपनी ‘एप्रूवल रेटिंग’ में गिरावट का सामना करना पड़ा और बीजेपी पश्चिम बंगाल में नहीं जीत पाई। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की चुनौती देने के बजाय विपक्षी नेता अपने घरों में बैठ गए, जिससे प्रधानमंत्री को राजनीतिक वापसी करने का मौका मिल गया।

सोशल मीडिया पर देखें खेती-किसानी और अपने आसपास की खबरें, क्लिक करें...

- देश-दुनिया तथा खेत-खलिहान, गांव और किसान के ताजा समाचार पढने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म गूगल न्यूजगूगल न्यूज, फेसबुक, फेसबुक 1, फेसबुक 2,  टेलीग्राम,  टेलीग्राम 1, लिंकडिन, लिंकडिन 1, लिंकडिन 2टवीटर, टवीटर 1इंस्टाग्राम, इंस्टाग्राम 1कू ऐप से जुडें- और पाएं हर पल की अपडेट