महाशिवरात्रि पर इतिहास रचने को तैयार महाकाल की नगरी , 21 लाख दीयों से रोशन होगा उज्जैन

brijesh parmar
उज्जैन। महाशिवरात्रि पर महाकाल की नगरी उज्जैन में नया इतिहास रचा जाएगा। 21 लाख दीपों से उज्जैन शहर जगमग होगा। गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड तथा लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में शहर का नाम दर्ज करवाने की योजना है। पहले 11 से 15 लाख दीप जलाने की योजना थी लेकिन अब 21 लाख दीप जलाए जाएंगे। दरअसल, महाशिवरात्रि पर शिप्रा नदी के भूखी माता मंदिर घाट से लेकर रामघाट तक 12 लाख दीपक लगाए जाएंगे। तीन लाख दीपक अलग-अलग जगहों, घरों और प्रतिष्ठानों में लगेंगे। दीयों को लगाने के लिए 12 हजार स्वयंसेवक लगेंगे। इसके लिए जिला पंचायत, शिक्षा विभाग, नगर निगम और स्मार्ट सिटी को जिम्मेदारी दी गई है। गौरतलब है कि इसके पहले अयोध्या में दीपोत्सव हुआ था। जहां दीपावली के मौके पर 12 लाख दीपक लगाए गए थे।
40 लाख आएगा खर्च
अलग-अलग घाटों पर 12 लाख दीये, महाकाल मंदिर में 51 हजार दीये, फ्रीगंज टॉवर पर एक लाख, शहर के मंगलनाथ, चिंतामण , कालभैरव, भूखी माता, हरसिद्धि मंदिर सहित अन्य मंदिरों पर भी दीपक जलाए जाएंगे। यह दुनिया में पहली बार होगा, जब एक शहर में एक साथ और एक समय पर 21 लाख दीपक जलाए जाएंगे। दीये लगाने के लिए तेल, मिट्टी के दीये और बाती समेत अन्य खर्च करीब 40 लाख रुपए आएगा। करीब 1500 डिब्बे तेल लगने की संभावना है। चार लाख रुपए की बाती भी आएगी।
इनका कहना है
पहले 15 लाख दीये लगाने की योजना थी, लेकिन जिस तरह से लोग भागीदारी कर रहे हैं, इसे देखते हुए लक्ष्य को और बड़ा कर दिया है। सामाजिक संगठनों, विद्यार्थियों और दूसरे धर्मों से जुड़े लोगों को भी शामिल किया गया है। समितियां बनाई गई हैं। क्षिप्रा किनारे एक हजार दीपक लगाकर रिहर्सल भी की गई। एक आदमी लगभग सौ दीये लगा सकेगा।
आशीष सिंह, कलेक्टर, उज्जैन