दुनिया एक परिवार, हम सभी को आर्य यानी एक संस्कृति बनाएंगे: मोहन भागवत

बैंकॉक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत वल्र्ड हिंदू कांग्रेस में हिस्सा लेने बैंकॉक गए हुए हैं। यहां उन्होंने शुक्रवार 24 नवंबर को कहा कि दुनिया एक परिवार है। हम सभी को आर्य यानी एक संस्कृति बनाएंगे। हालांकि, संस्कृति शब्द काफी नहीं है, एक बेहतर दुनिया के लिए मुझे संस्कृति कहना होगा। अनुशासन का पालन करने के लिए भारत के सभी संप्रदायों को शुद्ध करने की जरूरत है। भागवत ने कहा कि सब भौतिक सुख सुविधाएं प्राप्त करने के बाद भी दुनिया संतुष्ट नहीं है। भौतिकवाद, साम्यवाद और पूंजीवाद के प्रयोगों से लडख़ड़ा रही दुनिया को भारत खुशी और संतुष्टि का रास्ता दिखाएगा।
संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि हिंदू परंपराओं में भले ही कुछ मतभेद हों, लेकिन ये धर्म का अच्छा उदाहरण पेश करती हैं। हम हर जगह जाते हैं, सबके दिल को छूने की कोशिश करते हैं, कुछ लोग राजी होते हैं तो कुछ राजी नहीं भी होते, लेकिन फिर हम सभी से जुड़ते हैं। वल्र्ड हिंदू कांग्रेस का आयोजन हर चार साल में होता है। वल्र्ड हिंदू फाउंडेशन ने इस बार कार्यक्रम को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में ऑर्गनाइज किया है।
हमारा धर्म विजय पर विश्वास
भागवत के मुताबिक, हम धर्म विजय पर भरोसा करते हैं। इसी पर हमारा धर्म टिका हुआ है। यह प्रक्रिया धर्म नियम पर आधारित है और इसी के फलस्वरूप धर्म हमारे लिए कर्तव्य बन जाता है। हमने धन विजय और असुर विजय का भी अनुभव किया है। धन विजय के मायने वस्तुओं से मिलने वाली खुशी से है, लेकिन इसमें इरादे ठीक नहीं होते। यह आत्मकेंद्रित होने जैसा है। देश ने 250 साल तक (अंग्रेजों की) धन विजय देखी।असुर विजय यानी अन्य समुदायों के लिए अग्रेशन का भाव रखना। उन्होंने (मुस्लिमों ने) 5200 साल शासन किया। इससे हमारी धरती पर तबाही मच गई थी।
दुनिया अब लडख़ड़ा रही
मोहन भागवत ने आगे कहा, आज की दुनिया अब लडख़ड़ा रही है। इसने दो हजार वर्षों से खुशी, आनंद और शांति लाने के लिए कई सारे प्रयोग किए हैं। इतना ही नहीं, भौतिकवाद, साम्यवाद और पूंजीवाद की कोशिश की है। सब भौतिक सुख प्राप्त कर लिया है, लेकिन फिर भी संतुष्टि नहीं है। उन्होंने कहा, भौतिक सुख सुविधाओं के बावजूद लोग खुश नहीं हैं। दुनिया ने कोविड काल के बाद पुनर्विचार शुरू कर दिया है। ऐसे में लगता है कि वे इस सोच में एकमत हैं कि भारत रास्ता दिखाएगा क्योंकि भारत पहले भी ऐसा कर चुका है। उन्हें भारत से उम्मीद है और वहीं हमारे समाज और राष्ट्र का भी यही उद्देश्य है। उन्होंने कहा, हमें जाना होगा और हर किसी से संपर्क करना होगा और उन्हें अपनी सेवा से हमारे पास लाना होगा। निस्वार्थ सेवा के मामले में हमें दुनिया पर बढ़त हासिल है। यह हमारी परंपरा और मूल्यों में है। इसलिए, आगे बढ़ो और दिलों के अलावा कुछ भी मत जीतो।
राम मंदिर की गूंज पूरी दुनिया में होनी चाहिए
वल्र्ड हिंदू फाउंडेशन के प्रमुख और वल्र्ड हिंदू कांग्रेस के चीफ ऑर्गनाइजर स्वामी विज्ञानानंद ने कहा- हमने अयोध्या से प्रसाद बुलवाया है। अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर की प्रतिकृति यहां (बैंकॉक) में तैयार हो रही है। हम अयोध्या से रामलला के जन्मस्थान की फोटो भी लाएंगे। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही राम मंदिर की गूंज पूरी दुनिया में होनी चाहिए।
सम्मेलन की थीम- जयस्य आयतनं धर्म
तीसरे विश्व हिंदू कांग्रेस सम्मेलन की थीम जयस्य आयतनं धर्म: रखा गया है। इसका अर्थ होता है- धर्म, विजय का आधार। सम्मेलन 26 नवंबर तक चलेगा। इसमें दुनिया के कई क्षेत्रों में हिंदुओं के साथ हो रहे भेदभाव, अत्याचार और उससे निपटने के तरीकों के साथ हिंदुओं की उपलब्धियों पर भी विचार मंथन किया जाएगा। पहली वल्र्ड हिंदू कांग्रेस का आयोजन 2014 में दिल्ली और दूसरा 2018 में अमेरिका के शिकागो में हुआ था। कोरोना काल की वजह से तीसरे आयोजन में देरी हुई। कार्यक्रम का आयोजन वल्र्ड हिंदू फाउंडेशन के तरफ से किया जाता है।