मांगों को लेकर अमरकंटक से निकाली जायेगी अन्नदाता अधिकार यात्रा
surendra tripathi
उमरिया, जिला मुख्यालय स्थित सर्किट हाउस में राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के युवा इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल राज 15 अगस्त से शुरू होने वाली अन्नदाता अधिकार यात्रा के मार्गों एवं क्षेत्र की समस्यायों से रूबरू होने उमरिया जिले में आये और पत्रकार वार्ता के माध्यम से अपनी बात रखे |
राहुल बताये कि 15 अगस्त से इस यात्रा को निकाल रहे हैं, यात्रा 4 प्रमुख मांगों को लेकर निकाली जायेगी पहली मांग है कि सम्पूर्ण किसानो का ऋण मुक्त करना चाहिए, दूसरी मांग है कि स्वामीनाथन आयोग की सी 2 फिफ्टी की डेढ़ गुना लाभकारी सिफारिस को लागू करना चाहिए, तीसरा जो छोटा - मझोला किसान है उसकी आय सुनिश्चित करना चाहिए, चौथा जो फल, साक, सब्जी, दूध आदि के उत्पादक हैं उनकी भी लागत के आधार पर डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य तय होना चाहिए और उसकी गारंटी का क़ानून बनना चाहिए, ये प्रमुख 4 मांगे हैं | इसके साथ चूंकि मध्य प्रदेश में 43 प्रतिशत आत्म हत्याएं बढी हैं, यहाँ मध्य प्रदेश अपने आप में एक रेप जोन बन चुका है, यहाँ युवाओं की बेरोजगारी चरम सीमा पर है, इन सारे मुद्दों को लेकर यह यात्रा निकाली जा रही है और हम यह यात्रा इसलिए निकाल रहे हैं कि देश को आजाद हुए 70 साल से ऊपर हो गए हैं और इस देश का किसान आज तक आजाद नहीं है |
वहीँ राहुल राज कहे कि एक किसान को इस बात का अधिकार नहीं है कि वो अपनी फसल का मूल्य तय करे, किसान को इस बात का अधिकार होना चाहिए कि वो अपने फसल का मूल्य तय करे, हम इस यात्रा के माध्यम से समूचे लोगों से यह पूंछना चाहते हैं कि आखिरकार किसान को आजादी कब मिलेगी, वहीँ बताये कि इस यात्रा में लगभग ढाई माह का समय लगेगा, इस यात्रा में 50 ट्रेक्टर 100 ट्राली रहेगी, इसमें लगभग 350 किसान लगातार रहेंगे और बाक़ी किसान बीच – बीच में जुड़ते रहेंगे, शुरुवात में देश के तमाम बड़े किसान नेता रहेंगे, और समापन में देश भर के बड़े किसान नेता तो रहेंगे ही, 172 किसान संगठनों को मिला कर राष्ट्रीय किसान महासंघ बनाया है जिसमें देश के तमाम बड़े किसान नेताओं ने मिल कर यह तय किया था कि 4 प्रमुख मांगे राष्ट्रीय किसान महासंघ की तरफ से ही प्रेरित है और उसी के दिशा निर्देश में 1 से 10 जून का किसान आन्दोलन हुआ था और अब यह यात्रा निकाली जा रही है |
वहीँ राहुल ने देश में लागू फसल बीमा योजना के बारे में कहा कि इस देश के किसानों से 27 हजार करोड़ रुपये वसूले गए थे और मात्र 7 हजार करोड़ रुपये का मुआवजा बांटा गया जिसमें मध्य प्रदेश में 17 रुपये, 250 रूपये, 400 रुपये, इस प्रकार के चेक आये हैं, 20 हजार करोड़ रुपये का जो बाक़ी पैसा बचा था, सीधे –सीधे कम्पनी के खाते में गए, सरकार की जितनी भी योजनाये इस प्रदेश में आई है, चाहे फसल बीमा योजना हो, भावान्तर योजना हो, ये सबकी सब लूट की योजना है मंडियों में नंगी लूट हुई, किसान फसल तुलाई के लिए लाईन में लगा और मर गया, 43 प्रतिशत आत्म ह्त्या बढ़ रही है और फसल बीमा योजना हो या भावान्तर योजना हो, सीधे – सीधे पिछले दरवाजे से व्यापारियों को लाभ पंहुचाने के लिए ही बनी है, क्योंकि इस पार्टी के इस सरकार के व्यापारी मित्र बहुत हैं, और यह सरकार पूरी की पूरी व्यापारियों से प्रेरित है, किसान की योजना के लिए क्या ये किसान संगठनो से या किसान समुदाय से बात करते हैं, योजना जिसके लिए हैं उससे बात नहीं करते हैं बस हमारे ऊपर थोप देते हैं, क्योंकि किसी न किसी को लाभ पंहुचाना है इसलिए हमारा शोषण करते हैं और उनको लाभ पंहुचाते हैं |
गौरतलब है कि किसानों के हित के लिए यह किसान मजदूर महासंघ यात्रा तो निकाल रहा है लेकिन क्या किसान मजदूर इस संघ के उदगारों और भावों को समझ कर सरकार बदलने और अपने हित के लिए लड़ने को इनके साथ कंधे से कंधा मिला कर खडा होगा या फिर आत्म ह्त्या के लिए मजबूर होगा, यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा |