BJP के गढ़ को ढहाने का मिला इनाम, कमलनाथ कैबिनेट में मालवा से 9 मंत्री
कमलनाथ मंत्रिमंडल का काफी इंतज़ार के बाद गठन हो पाया अब जो तस्वीर है उसमें मालवा निमाड़ को सबसे ज़्यादा तरजीह दी गयी है. 28 में से 9 मंत्री यानि एक तिहाई मंत्री मालवा निमाड़ से हैं. इस बार चुनाव में कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती भी इसी इलाके से थी. मालवा-निमाड़ की 66 में से 57 सीटों पर बीजेपी का कब्ज़ा था. कांग्रेस बीजेपी के इस गढ़ को ढहाकर सत्ता में आयी है.
मंत्रिमंडल में इंदौर से दो, खरगोन से दो, धार से दो, शाजापुर से एक, बड़वानी से एक और देवास जिले से एक विधायक को मंत्री बनाया गया है. मालवा-निमाड़ से जो मंत्री बनाए गए हैं उनमें पहला नाम सज्जन सिंह वर्मा का है. वो कमलनाथ के करीबी माने जाते हैं. पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे हैं और उन्हें संसदीय कार्यों का बेहतर ज्ञान है. वो सोनकच्छ से जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं.
दूसरा नाम डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ का है. वो दिग्विजय सिंह की करीबी हैं. इनका लंबा राजनीतिक सफर है. वो महेश्वर सीट का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. 1993 से 1998 तक वो दिग्विज सिंह सरकार में पर्यटन और संस्कृति मंत्री रहीं. 1998 से 2003 तक दिग्विजय सरकार में चिकित्सा शिक्षा, नर्मदा घाटी विकास और समाज कल्याण जैसे विभाग संभाल चुकी हैं. वो 2010 से 2016 तक राज्यसभा सांसद भी रह चुकी हैं.
तीसरा नाम बाला बच्चन का है. वो कमलनाथ के करीबी हैं. पूर्व में मंत्री रह चुके हैं और उप नेता प्रतिपक्ष थे. आदिवासी नेता हैं और बेदाग छवि के हैं.
हुकुम सिंह किराड़ा ऐसे नेता हैं जिन्हें कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दोनों का आशीर्वाद मिला हुआ है. वो दिग्विजय सिंह मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुके हैं.
जीतू पटवारी मध्यप्रदेश कांग्रेस का युवा और तेज़ तर्रार चेहरा. वो इंदौर की राऊ सीट से लगातार दूसरी बार जीतकर आए हैं. अपने पहले ही कार्यकाल में वो बेहद सक्रिय रहे और प्रदेश की राजनीति का बेहद जाना-पहचाना चेहरा बन गए. पहली ही पारी में जीतू की सक्रियता इतनी बढ़ी कि पार्टी ने उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कार्यकारी अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी सौंप दी. उसके बाद चुनाव से पहले उन्हें संकल्प यात्रा का दायित्व सौंपा गया. जीतू पटवारी टीम राहुल के भी सदस्य हैं.
कमलनाथ मंत्रिमंडल में जगह बनाने वाले तुलसीराम सिलावट ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी हैं. वो इंदौर क्षेत्र के कद्दावर नेता माने जाते हैं, कांग्रेस के पार्लियामेंट्री सचिव रह चुके हैं.
सचिन यादव के साथ उनके पिता और भाई की राजनीतिक विरासत जुड़ी हुई है. वो पार्टी के कद्दावर नेता स्व सुभाष यादव के बेटे और अरुण यादव के छोटे भाई हैं. वो युवा नेता हैं और साफ सुथरी छवि के हैं. वो दूसरी बार विधायक चुनकर आए हैं.
कमलनाथ कैबिनेट में उमंग सिंघार भी शामिल किए गए हैं. वो गंधवानी से दूसरी बार चुनकर आए हैं. पिछली विधानसभा में वो पहली बार विधायक बनकर पहुंचे हैं. ये भी कैबिनेट का युवा चेहरा हैं.
सुरेन्द्र सिंह बघेल कुक्षी से चुनाव जीतकर आए हैं. कमलनाथ मंत्रिमंडल में वो भी जगह बनाने में कामयाब रहे.