कांग्रेस दफ्तर पर चैन सिंह वरकड़े समर्थकों का हंगामा
डॉ. अशोक मर्सकोले को टिकट देने पर होगा विरोध
चैन सिंह वरकड़े को टिकट न देने पर कार्यकर्ताओं ने दी स्तीफे की धमकी
देवेंद्र तेकाम भी मान रहे डॉ. अशोक मर्सकोले की वजह से फसा पेंच
Syed Javed Ali
मंडला - कल भाजपा कार्यालय में शिवराज शाह को बिछिया विधान सभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाये जाने के चलते हुए हंगामे के बाद आज कांग्रेस कार्यालय में निवास विधान सभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की नाराज़गी देखने को मिली। कांग्रेस के नाराज़ कार्यकर्ताओं का कहना था कि कांग्रेस के सर्वे में चैन सिंह वरकड़े विनिंग कैंडिडेट के रूप में सामने आये थे इसके बावजूद अब तक उनके नाम की टिकट का एलान नहीं किया गया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना था कि इस बार चुनाव चैन सिंह वरकड़े नहीं बल्कि पूरे विधान सभा क्षेत्र के मतदाता लड़ेंगे। ऐसे में उनकी जीत को लेकर कोई संशय नहीं है, बावजूद इसके अब तक चैन सिंह वरकड़े के नाम की अधिकृत प्रत्याशी के रूप में घोषणा न किये जाना कई संदेह उत्पन्न कर रहा है। जिस वक्त पार्टी कार्यकर्ता अपनी नाराज़गी ज़ाहिर कर रहे थे उस वक़्त जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष संजय सिंह परिहार कांग्रेस कार्यालय में मौजूद नहीं थे।
दरअसल चैन सिंह वरकड़े के समर्थकों को डर है कि उनके क्षेत्र से डॉ. अशोक मर्सकोले को कांग्रेस उम्मीदवार बना सकती है। भाजपा की ही तरह कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने डॉ. मर्सकोले को बहार का प्रत्याशी बताते हुए उनके विरोध का एलान कर दिया है। आक्रोशित कार्यकर्ताओं का कहना था कि डॉ. मर्सकोले ने अपने शासकीय चिकित्सा सेवा से स्तीफा देकर कांग्रेस ज्वाइन की और मंडला कांग्रेस में काम किया। यदि उन्हें टिकट देना ही है तो मंडला से देना था निवास से उनका कोई सरोकार नहीं है तो फिर वहां से क्यों उम्मीदवार बनाया जा रहा है। अब तक अपनी टिकट पक्की मान कर चल रहे पूर्व विधायक व राज्य मंत्री देवेंद्र तेकाम भी मान रहे है कि डॉ. अशोक मर्स्कोले की वजह से पेंच फस गया है नहीं तो अब उनके नाम का एलान हो चुका होता।
नगर पंचायत निवास की उपाध्यक्ष श्रीमती सरिता जैसवाल का कहना था कि पूरे क्षेत्र की जनता ने चैन सिंह वरकड़े को अपना नेता मानते हुए विधायक बनाने का मन बना लिया है। पार्टी के सर्वे में भी वो टॉप पर थे फिर अब तक उनके नाम का ऐलान क्यों नहीं हुआ ? मुख्य मंत्री, प्रभारी मंत्री, मंडला सांसद व राज्य सभा सांसद की सक्रियता के बावजूद नगर पंचायत चुनाव में चैन सिंह वरकड़े ने भारी मतों से जीत दर्ज की थी। सभी की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पार्टी आलाकमान को उन्हें ही प्रत्याशी बनाना चाहिए। यदि बहार का प्रत्याशी उतारा जाता है तो हम उसे क्षेत्र में नहीं आने देंगे। उसकी जमानत जप्त भी नहीं बचेगी। यह कुलस्ते बंधुओं के लिए वाकओवर जैसा होगा।
प्रदेश प्रतिनिधि अशोक बड़गैया के कहा कि बहार का प्रत्याशी न उतरा जाये। सभी कार्यकर्ताओं की इच्छा का सम्मान करते हुए चैन सिंह वरकड़े को अधिकृत प्रत्याशी बनाया जाये। यदि चैन सिंह वरकड़े को नहीं बनाया जाता तो क्षेत्र के ही किसी अन्य दावेदार को टिकट दिया जाये। हम जिला कांग्रेस कमेटी के जरिये प्रदेश और शीर्ष नेतृत्व तक अपनी आवाज़ पहुँचाने आये है। यदि हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो कोई कार्यकर्ता पार्टी से स्तीफा दे सकते है। कुलस्ते बंधुओं के प्रभाव के बावजूद पार्टी कार्यकर्त्ता विपरीत परिस्थितियों में काम कर रहे है। ऐसे में हम चाहते है कि हमारे बीच के ही व्यक्ति को टिकट दिया जाये जिससे वर्षों बाद निवास विधान सभा में कांग्रेस का विधायक बन सके।
यहाँ यह बात भी विचारणीय है कि डॉ. मर्सकोले आदिवासी महापंचायत के जरिये जिले के आदिवासियों के बीच अच्छी खासी पेठ बनाई है। डॉ. का विरोध करने वाले अधिकांश कार्यकर्त्ता गैरआदिवासी वर्ग से है जबकि मतदाताओं में भारी तादाद आदिवासी वर्ग की है। उनके बीच बाहरी प्रत्याशी बड़ा मुद्दा होगा या नहीं इसका अंदाज़ा अभी लगाना मुश्किल है।