भोपाल। कांग्रेस ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर पंचायती राज का दिवाला निकालने का आरोप लगाते हुए पूछा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब क्यों बासमती चावल की मांग नहीं उठाते हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने 40 दिन 40 सवाल के तहत 10वें प्रश्न में यह निशाना साधा है।

उन्होंने कहा है कि कांग्रेस सरकार ने पंचायती राज को सशक्त करने के लिए पंचायती राज मंत्रालय स्थापित किया था। मोदी सरकार ने नियोजित रूप से पंचायती राज का गला घोंट कर उसे समाप्त प्राय: कर दिया। इस मंत्रालय के 2014-15 के 7000 करोड़ के बजट को 2015-16 में 94 करोड़ कर दिया गया। बासमती चावल का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि अब क्या हुआ जब मोदी सरकार ने फरवरी 2016 में आपकी मांग को ठुकरा कर आदेश दिया कि मप्र के किसान अपने चावलों को बासमती की पहचान नहीं दे सकेंगे। इससे प्रदेश में दो लाख हेक्टेयर के 13 जिलों, विदिशा, सीहोर होशंगाबाद, नरसिंहपुर, जबलपुर, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, श्योपुर, मुरैना, रायसेन के किसानों को मोदी ने कहा कि वे अपने चावल बासमती के नाम से नहीं बेच सकेंगे। इसके साथ ही तंज कसा है कि मप्र के बासमती चावल उत्पादक किसानो के लिए अब धरने का स्वांग भी नही करोगे। अब क्या मोदी सरकार से डर लगता है या कांग्रेस सरकार के समय दिखावा कर रहे थे।