Coaching hub Kota:आखिर छात्रों के लिए क्यों बना कब्रगाह?
नई दिल्ली
राजस्थान का एक जिला कोटा बहुत तेजी से आगे बढ़ा. इस जिले की पूरी अर्थव्यवस्था उन कोचिंग संस्थानों की वजह से आगे बढ़ी, जिन्होंने धीरे-धीरे अपनी जड़ें बहुत मजबूत कर ली हैं. लेकिन इस शहर के साथ एक कलंक जुड़ता जा रहा है, माना जाने लगा है कि धीरे-धीरे कोटा आत्महत्या की नगरी बनती जा रही है. पिछले दिनों यहां एक के बाद एक 3 स्टूडेंट्स ने आत्महत्या कर ली. यहां का दौरा कर जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की कि इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी करने आए छात्रों में से कुछ लोग आखिर यहां मौत को क्यों गले लगा लेते हैं?
कोटा को देश के कोचिंग हब का तमगा मिला हुआ है. लेकिन ऐसा रातों-रात नहीं हुआ. करीब 2 दशक पहले इस जिले को इंडस्ट्रियल टाउन के रूप में जाना जाता था जहां लघु उद्योग चल रहे थे. यहां इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट, कपड़े आदि की ईकाइयां काम कर रही थीं. धीरे-धीरे ये इकाइयां पीछे चली गई हैं और कोचिंग सेंटरो का विस्तार होता गया.