जानकारी होने पर भी डिफाल्टर फर्म को ठेका देने पर उठ रहे सवाल
brijesh parmar
उज्जैन ।निर्वाचन में विडियोग्राफी और सीसीटीवी का ठेका लेने वाले देवास के ठेकेदार फर्म टीना विडियो विजन की तुती बोलती है। इंदौर निर्वाचन कार्यालय में इनकी इतनी गहरी सांठगांठ है कि निर्वाचन में इनके नियम चलते हैं। लेखा और अनुबंध के नहीं ।ठेकेदार फर्म के संपूर्ण कार्य और कार्यपूर्णता के प्रमाण पत्र और बिल के पहले ही धरोहर राशि और प्रतिभूति राशि वापस कर दी गई है।

इंदौर जिला निर्वाचन कार्यालय ने विधानसभा चुनाव 2018 के लिए निविदा आमंत्रित की थी । इस निविदा में देवास के ठेका फर्म टीना विडियो विजन को इंदौर जिले की 9 विधानसभा क्षेत्र में विडियोग्राफी और सीसीटीवी लगाने का ठेका दिया गया। विधानसभा चुनाव को पूर्ण हुए दो माह बितने को आए है और ठेकेदार फर्म ने अब तक बिल भी नहीं लगाए हैं। मेहरबानी एक तरफा नहीं है जिला निर्वाचन कार्यालय की और से इससे एक कदम आगे आकर लेखा और अनुबंध के नियम के विपरित जाते हुए कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र और अंतिम भूगतान से पहले ही ठेकेदार को धरोहर राशि 1.50 लाख जो कि निविदा प्रपत्र के साथ दी गई थी वापस कर दी गई और साथ ही ठेके की शर्त के मुताबिक प्रतिभूति राशि 4 लाख का साक्ष्य ही नदारद करते हुए ठेकेदार को उपकृत किया गया है। नियमानुसार कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र के साथ अंतिम बिल भूगतान के लिए प्रस्तुत किए जाने पर अंतिम भूगतान के साथ ही धरोहर राशि ठेकेदार को वापस की जाना चाहिए ।ठेकेदार और जिला निर्वाचन इंदौर के सुपरवाईजर और अधिकारियों के बीच का सामंजस्य संपूर्ण ठेके की जांच को अपेक्षित कर रहा है।
डिफाल्टर ठेकेदार को ठेका-
इंदौर जिला निर्वाचन कार्यालय से विधानसभा चुनाव 2018 में विडियोग्राफी और सीसीटीवी का ठेका लेने वाली देवास की फर्म टीना विडियो विजन उज्जैन के जनपद पंचायत तराना से राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के जांब कार्ड के फोटोग्राफी के कार्य में डिफाल्टर 2013 में हुई। तत्कालीन तराना जनपद सीईओं ने संस्था की अमानत राशि राजसात करते हुए कार्यादेश निरस्त कर दिया था। एनआरईजीएस के नियमों के तहत जनपद सीईओं के आदेश की अपील जिला पंचायत सीईओं के समक्ष डिफाल्टर फर्म को 30 दिन में करना थी। इसके विरूद्ध फर्म की और से षडयंत्र के साथ सांठगांठ कर उसी जनपद सीईओ ने अपने ही आदेश को वापस निरस्त कर दिया। जब कि नियमानुसार जनपद सीईओ के आदेश को अपील के तहत जिला पंचायत सीईओ ही निरस्त कर सकता है। इसके बाद तराना जनपद के रेकार्ड में आग लग गई और योजनाबद्ध तरीके से मामला ठंड़ा हो गया। इस पूरे प्रकरण की जानकारी इंदौर जिला निर्वाचन को होने के बाद भी ठेकेदार फर्म को ठेका दिया गया ।इसके विपरित उज्जैन में संबंधित मामला सामने आने पर टेंडर खोलने के बाद भी जिला निर्वाचन ने ठेका अनुबंध न करते हुए नई निविदा आमंत्रित कर ली थी।
अधिकारियों के आदेश पर ही धरोहर राशि वापस की गई है। दिसंबर 18 के तीसरे सप्ताह में ही डीडी वापस कर दिया गया ।टीना विडियो विजन देवास को ठेका समिति ने दिया है। डिफाल्टर से जानकारी से क्या होता है।
-जितेन्द्र चौहान , सुपरवाईजर , जिला निर्वाचन, इंदौर