जिला पंचायत और जनपद अध्यक्षों की विवेकाधीन निधि दो गुना

जिला पंचायत और जनपद अध्यक्षों की विवेकाधीन निधि दो गुना

शिवराज में पंचायत प्रतिनिधि रबर स्टांप और लेटरपेड बनकर रह गए थे

पंचायत प्रतिनिधियों को भोपाल और मंत्रालय के चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे

त्रि-स्तरीय पंचायत राज प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने की घोषणा

भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले पंद्रह साल में पंचायत राज कमजोर हुआ है। विकास की बुनियाद पंचायत संस्थाओं को वही अधिकार दिए जाएंगे जिसका सपना हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने देखा था। पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधियों को भोपाल, मंत्रियों और मंत्रालय के चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे। उन्हें इतने अधिकार दिए जाएंगे कि वे अपने गांव का विकास स्वयं कर सकें। यह बात शनिवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान त्रि-स्तरीय पंचायत राज प्रतिनिधियों तथा स्व-सहायता समूहों के प्रशिक्षण एवं क्षमतावर्धन कार्यक्रम के दौरान कही। इस मौके पर पंचायत प्रतिनिधियों के विकास राशि के अधिकार में वृद्धि करने की घोषणा की गई। नाथ ने खोला पिटारा जिला पंचायत अध्यक्ष की विकास राशि को दोगुना करते हुए 25 से बढ़ाकर 50 लाख, उपाध्यक्ष को 15 से बढ़ाकर 25 लाख, जिला पंचायत सदस्य को 10 से बढ़ाकर 15 लाख, जनपद पंचायत अध्यक्ष को 12 लाख से बढ़ाकर 15 लाख, जनपद उपाध्यक्ष को 8 लाख से बढ़ाकर 10 लाख और जनपद सदस्य को 4 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए तक के विकास कार्यों की घोषणा करने के अधिकार होंगे। गांवों पर टिकी प्रदेश की अर्थव्यवस्था मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने 73वें संविधान संशोधन के जरिए पंचायतों को सर्वअधिकार सम्पन्न बनाने की बुनियाद रखी थी। दिग्विजय सिंह सरकार ने इस क्रांतिकारी संविधान संशोधन को मध्यप्रदेश में पूरे देश में सबसे पहले लागू किया था। मध्यप्रदेश का हृदय ग्रामीण क्षेत्र है। हमारे प्रदेश की अर्थव्यवस्था की मजबूती ग्रामीण क्षेत्रों की कार्य-शैली पर ही आधारित है। छीन लिया था सब अधिकार मुख्यमंत्री ने शिवराज सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछले पंद्रह साल में हमारे जिला, जनपद अध्यक्ष और सरपंच रबर स्टांप और लेटर पेड के प्रतिनिधि बनकर रहे गए थे। उनके पास अपने गांव के विकास का कोई अधिकार नहीं था। अब ऐसा नहीं होगा। मध्यप्रदेश में सरकार का संचालन ग्रामीण क्षेत्रों से होगा। हमने अपने वचन-पत्र में वादा किया था कि पंचायत प्रतिनिधियों को सर्वशक्ति सम्पन्न बनाएंगे। उन्हें वही अधिकार दिए जाएंगे जो गांधी जी की और राजीव की कल्पना थी। राहुल गांधी जी ने पंचायत राज को सुदृढ़ बनाने के लिए मुझसे विस्तार से चर्चा की थी। मैंने उनसे कहा था कि आज जो पंचायत सचिवों के चेहरे पर निराशा दिख रही है, वे जब अगली बार मप्र आएंगे तो उनके चेहरे पर मुस्कराहट होगी। प्रजातंत्र को बनाएंगे मजबूत कमल नाथ ने कहा कि नई सरकार प्रदेश के विकास की बुनियाद को मजबूत बनाने की ओर देख