EVM विवाद ने तूल पकड़ा, नायब तहसीलदार निलंबित, CEO ने दी सफाई

EVM विवाद ने तूल पकड़ा, नायब तहसीलदार निलंबित, CEO ने दी सफाई

भोपाल
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग के बाद कांग्रेस पार्टी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर एक बार फिर बीजेपी सरकार पर हमलावर है। दरअसल, पोलिंग के 48 घंटे के बाद रिजर्व ईवीएम के सागर हेडक्वॉर्टर पहुंचने पर शनिवार को यहां के स्ट्रॉन्ग रूम में दो घंटे से ज्यादा समय के लिए सीसीटीवी कैमरा बंद हो गया था। इस पर कांग्रेस और दूसरी पार्टियों ने जमकर हंगामा किया। इस बारे में एमपी के मुख्य चुनाव अधिकारी ( CEO) कांता राव ने भी सफाई दी। उन्होंने ट्वीट कर मतदाताओं को भरोसा दिलाने की कोशिश की कि सभी EVM सेफ, सिक्यॉर और सील हैं। उधर, ईवीएम पहुंचने में देरी होने के मामले में सागर के एक नायब तहसीलदार को निलंबित कर दिया गया है।

 

आपको बता दें कि खुरई से सागर 37 रिजर्व ईवीएम डिलिवर करने के लिए 25 किलोमीटर का रास्ता तय करने में एक स्कूल बस समेत दो गाड़ियों को दो दिन का वक्त लग गया। स्कूल बस पर कोई रजिस्ट्रेशन नंबर भी नहीं था। खुरई में गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह को कड़ी टक्कर दे रहे कांग्रेस प्रत्याशी अरुणोदय दुबे ने कहा कि ईवीएम पहुंचाने में देरी और बिना रजिस्ट्रेशन नंबर की गाड़ी के इस्तेमाल से शक पैदा होता है। उन्होंने बीजेपी पर गलत तरीकों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और जांच की मांग की।

कैमरा बंद होने पर बवाल
सागर के जिला कलेक्टर आलोक सिंह ने बताया कि ईवीएम डिलिवरी में देरी के बाद उनसे रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया। उन्होंने बताया कि नायब तहसीलदार को घटना पर नोटिस दिया गया। उन्होंने सीसीटीवी बंद होने की घटना के बारे में कहा कि थोड़े से समय के लिए ऐसा हुआ था लेकिन उसे फौरन सही कर दिया गया। उन्होंने बताया कि केवल डिस्प्ले बंद हुआ था। कैमरा चल रहा था और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को रिकॉर्डिंग दिखाई भी गई। उन्होंने बताया कि कैमरे से एक इनवर्टर को भी जोड़ दिया गया।

ईवीएम मिलाने का आरोप
इस बीच, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने खरगोन जिले के हेडक्वॉर्टर में विरोध और धरना प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि खराब ईवीएम को सही मशीनों के साथ मिलाकर रख दिया गया। इसके बाद खरगोन के एसपी डी कल्याण चक्रवर्ती, अडिशनल कलेक्टर और सब-डिविजनल मैजिस्ट्रेट ने कांग्रेस के प्रतिनिधियों को ले जाकर रिजर्व ईवीएम का वेयरहाउस और स्ट्रॉन्ग दिखाया। तब जाकर उन्होंने आधी रात को प्रदर्शन खत्म किया।


सिंधिया ने भी घेरा
इस मामले पर कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को ट्वीट कर बड़ी साजिश की आशंका जताई थी। सिंधिया ने ट्वीट किया था, ‘भोपाल में स्ट्रांग रूम के बाहर लगी एलईडी बंद होना, सागर में गृह मंत्री की विधानसभा सीट की रिजर्व ईवीएम का 48 घंटे बाद पहुंचना, सतना-खरगोन में अज्ञात बक्से स्ट्रांग रूम में ले जाए जाने का विडियो सामने आना बड़ी साजिश की ओर इशारा है।’


चुनाव आयोग पहुंची कांग्रेस
कांग्रेस के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को चुनाव आयोग से मिला। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ईवीएम से छेड़छाड़ और सुरक्षा के मुद्दे पर पार्टी ने यह मुलाकात की। कांग्रेस नेता और वकील विवेक तनखा ने बताया, 'मध्य प्रदेश में ईवीएम की सुरक्षा से जुड़े कम से कम तीन मामले सामने आए हैं। यह चिंताजनक इशारे हैं और हमने चुनाव आयोग से इसमें जांच करने की अपील की है।'

स्कूल बस वाली घटना का जिक्र करते हुए पार्टी ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि इन मशीनों को कलेक्टर के ऑफिस में जमा करना चाहिए था। पार्टी का कहना है कि इससे न सिर्फ शक पैदा हुआ है बल्कि हैरानी भी होती है क्योंकि पोलिंग में इस्तेमाल सारी ईवीएम पहले ही जिला हेडक्वॉर्टर में डिपॉजिट करा दी गई थीं।

कांग्रेस ने 11 दिसंबर को होने वाली वोटों की गिनती के लिए भी सुझाव दिए और आरोप लगाया कि कई पोस्ट ऑफिसों में पोस्टल बैलट बिना डिलिवर किए पड़े हैं। वहीं, कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने एक अन्य खत में कहा है कि जब स्ट्रॉन्ग रूम से काउंटिंग सेंटर तक ईवीएम ले जाए जा रहे हों, उस वक्त सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के मौजूद रहने की इजाजत हो।