अब पुलिस मुख्यालय में सीएम कमलनाथ बोले- बरसों से जमे अफसर हटेंगे

भोपाल
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण के तीसरे दिन भी एक्शन में नजर आए। वे बुधवार को दोपहर में पुलिस मुख्यालय पहुंचे, जहां उन्हें गार्ड आफ आनर दिया गया। इसके बाद कमलनाथ पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक रूम में पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक सबसे पहले कमलनाथ को आला अधिकारियों ने मध्यप्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर प्रेजेंटेशन दिया।

कमलनाथ बोले- मैं वीकली ऑफ के पक्ष में
पुलिस मुख्यालय पहुंचे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आईपीएस अफसरों के साथ बैठक की। इस दौरान कानून-व्यवस्था को लेकर कई अहम फैसले लिए गए। बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि बैठक में मध्यप्रदेश की छवि कैसे सुधरे इस पर बातचीत हुई। लंबे समय से जमे अफसरों की प्रथा को समाप्त करूंगा। पुलिस के अफसरों को क्षमतानुसार पोस्टिंग मिलेगी।

नाथ ने कहा कि ड्रग और सट्टे को सख्ती से बंद किया जाएगा। कमलनाथ ने बड़े बदलाव के संकेत भी दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के बजट में बढ़ोतरी होगी। उत्तरप्रदेश और बिहार के लोगों को रोजगार देने के बयान पर बवाल होने के बाद नाथ ने कहा कि स्थानीय लोगों को रोजगार देना गलत नहीं।

इससे पहले कमलनाथ बुधवार सुबह 10.30 बजे मंत्रालय पहुंचे। उनके पहुंचते ही हड़कंप मच गया था। उन्होंने अफसरों को बुलाकर कई मुद्दों पर चर्चा की।

कमलनाथ के पुलिस मुख्यालय पहुंचने पर वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने उन्हें गार्ड आफ आनर दिया। इसके बाद बैठक शुरू हुई, जिसमें कानून व्यवस्था पर चर्चा की गई। पुलिस के आला अधिकारियों ने पुलिस विभाग की तरफ से प्रेजेंटेशन भी दिया। पुलिस मुख्यालय में चल रही बैठक में डीजी ऋषि कुमार शुक्ला, एडीजी, समेत कई आईडी-डीआईजी मौजूद हैं।

पुलिस के साप्ताहिक अवकाश पर हो सकता है फैसला
इस बैठक में पुलिस के जवानों को साप्ताहिक अवकाश देने पर भी कोई फैसला हो सकता है। क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आने से पहले अपने वचन पत्र में इसका उल्लेख किया था। कहा गया था कि कांग्रेस सत्ता में आती है तो पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाएगा। इसके साथ ही तनाव मुक्त ड्यूटी देने पर भी विचार किया जाएगा। इस फैसले के बाद हजारों पुलिस कर्मियों और उनके परिजनों को बड़ी राहत मिलेगी। बैठक के बाद कमलनाथ ने इतना कहा कि मैं वीकली ऑफ के पक्ष में हूं।

बदल सकते हैं बड़े अफसर
कांग्रेस के सत्ता में आते ही कई सालों से जमे बड़े अफसरों को बदला जा सकता है, जबकि कई अफसरों को लूप लाइन से निकालकर फील्ड में लाया जा सकता है। इसके अलावा मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव, कई प्रमुख सचिव, कई जिलों के कलेक्टर, कई जिलों के पुलिस अधीक्षकों समेत अन्य अफसरों को भी बदला जा सकता है। इसके लिए हर जिले के कांग्रेस विधायकों और कांग्रेस के सांसदों से राय मांगी गई है।