इंदौर, देवी अहिल्या सोशल भक्त समिति द्वारा आयोजित दो दिवसीय साईंबाबा चरण पादुका महोत्सव का रविवार को समापन हुआ। रीजनल पार्क में शिर्डी साईंबाबा मंदिर की तर्ज पर बने साईंधाम मंदिर को गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। रविवार को बाबा के चरण पादुका के दर्शन करने के लिए रात तक भक्तों का तांता लगा रहा।
रीजनल पार्क में समापन अवसर पर साईंधाम मंदिर को आकर्षक विद्युत सज्जा कर सजाया गया था, जो यहां आने वाले भक्तों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। दो दिवसीय महोत्सव में अखंड साईं भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें लाखों भक्तों ने महाप्रसादी ग्रहण की। वहीं, यहां आने वाले भक्तों को शिर्डी संस्थान साईं मंदिर की उदी भी प्रसाद स्वरूप भेंट की गई। सुबह से ही भजन गायकों द्वारा बाबा के सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी गई। मुंबई से आए कलाकारों ने साईं सद्चरित्र पर आधारित महानाट्य की प्रस्तुति दी। देवी अहिल्या साईं सोशल भक्त समिति एवं महोत्सव संयोजक प्रदीप अग्रवाल, अध्यक्ष भोलासिंह ठाकुर ने बताया, साईं शताब्दी समाधि महोत्सव के तहत रविवार को हजारों की संख्या में मातृशक्तियों ने 101 दीपों से साईं बाबा एवं शिर्डी संस्थान से लाई गई वास्तविक चरण पादुका की आरती कर दर्शन-पूजन की शुरुआत की।
लगाए जयकारे
समिति ने यहां आने वाले दिव्यांगों के लिए व्हील चेयर की भी व्यवस्था की थी। जैसे ही गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड के इंडिया हेड मनीष विश्नोई ने साईंधाम मंदिर को गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया, वहां मौजूद भक्तों ने बाबा के जयकारे लगाकर समूचे पांडाल को गुंजायमान कर दिया। अग्रवाल ने बताया, इस साईं धाम मंदिर का गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में प्रथम बार नाम दर्ज हुआ है। इंदौर शहर में शिर्डी साईं मंदिर की तर्ज पर बने प्रतीकात्मक और अस्थाई साईं मंदिर बनाने पर यह सम्मान मिला है।
मंदिर की खासियत
छत्रीबाग स्थित साईं मंदिर शहर का सबसे प्राचीन मंदिर है। 1965 से इसका संचालन साईबाबा मंदिर संस्थान ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। इस मंदिर में सामान्य दिनों में 500 से एक हजार दर्शनार्थी पहुंचते हैं तो गुरुवार को यहां भक्तों की संख्या 2 से 3 हजार तक पहुंच जाती है। मंदिर के ट्रस्ट द्वारा कई पारमार्थिक कार्य भी किए जा रहे हैं। ट्रस्ट द्वारा प्रतिमाह 50-60 विद्यार्थियों को 300 रुपए शुल्क लेकर एक समय का भरपेट भोजन दिया जा रहा है। यह सेवा चार-पांच माह पहले ही शुरू हुई है। ट्रस्ट ने शिर्डी में एक धर्मशाला का निर्माण किया है। वहां इंदौर से जाने वाले दर्शनार्थियों को ३०० रुपए में कमरा उपलब्ध करवाया जाता है।
हर साल 30 लाख रुपए की आमदनी
छत्री बाग स्थित साईं मंदिर ट्रस्ट को दर्शनार्थियों और भक्तों द्वारा प्रतिमाह दो से ढाई लाख रुपए दान किए जाते हैं। इस हिसाब से ट्रस्ट को हर वर्ष 30 लाख रुपए का चढ़ावा मिलता है। ट्रस्ट के पदाधिकारियों के मुताबिक दान में मिलने वाली राशि से जनता के लिए कई पारमार्थिक कार्य किए जाते हैं। ट्रस्ट द्वारा मरीजों से नाममात्र का शुल्क (10 रुपए) लेकर ओपीडी में डॉक्टरों द्वारा इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। पदाधिकारियों का दावा है कि उन्होंने पिछले एक साल में लगभग डेढ़ लाख लोगों को मेडिकल सहायता उपलब्ध करवाई है।