कई भाजपाई थाम सकते है कांग्रेस का दामन

कई भाजपाई थाम सकते है कांग्रेस का दामन
asish malviya अशोकनगर। विधानसभा चुनाव परिणाम आते ही अशोकनगर जिले की राजनीति की परिदृश्य पूरी तरह बदल गया है। एक समय जिले में पूरी तरह भाजपा की तूती बोलती थी, तो अब जिले में कांग्रेस का दबदवा है और भाजपा चारों खाने चित्त है। दरअसल विधानसभा में जिले की तीनों विधान सभाओं में भारतीय जनता पार्टी को पहली बार करारी हार का सामना करना पछा और तीनों विधानसभाओं में भाजपा के प्रत्याशियों को करारी हार झेलनी पडी। विधानसभा चुनाव परिणामों के साथ ही अब जिले में राजनैतिक हवा विपरीत दिशा में बहने लगी है। राजनैतिक सूत्रों की मानें तो आने वाले समय में भाजपा के कई वरिष्ठ कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि कांग्रेस का दामन थाम सकते है। इस मामलें में कई भाजपाईयों ने वरिष्ठ कांग्रेसियों से संपर्क साधना भी शुरु कर दिया है। संभवतरू क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के नगर आगमन के दौरान कई भाजपाई अपनी पार्टी छोड कांग्रेस में शामिल हो सकते है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा में कई ऐसे नेता हैए जो विधानसभा चुनाव में टिकिट वितरण से नाराज है। तो वहीं कुछ ऐसे भी कार्यकर्ता रहे है जिन्होंने विधानसभा चुनाव में खुलकर पार्टी का विरोध किया। वहीं कुछ ऐसे भी भाजपाई है जो कि चुनाव के दौरान पूछ परख न होने से नाराज है। ऐसे में यह उम्मीद जताई जा रही है। कि जल्द ही जिले की राजनैतिक हवा विपरीत दिशा में बहने वाली है और एक-एक कर कई भाजपा नेता कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। हालांकि कांग्रेस में शामिल होने की जुगत लगा रहे भाजपा नेता इस फिराक में है कि इस हवा की शुरुआत हो जाए। वहीं भाजपा के एक पूर्व जनप्रतिनिधि बडे कुनवे के साथ कांग्रेस का दामन थामने की योजना बना रहे है। हालांकि आने वाला समय ही बतायेगा कि कौन-कौन भाजपाई कांग्रेस का चोला ओढते हंै। सत्ता जाते ही बदलने लगी मानसिकता बीते पंद्रह सालों से प्रदेश में जहां भाजपा की सरकार थी, वहीं अशोकनगर विधानसभा पर भी तीस वर्षो से अधिक समय से भाजपा का दबदवा था। अब जबकि जिले की तीनों विधानसभाओं में कांग्रेस का परचम लहरा रहा है। तो ऐसे में सत्ता जाते ही कई भाजपाईयों की मानसिकता बदल गई और वे कांग्रेस मैं शामिल होने की योजना बना रहे है। कुछ तो यहंा तक कहते देखे जा रहे है कि हम तो पैदाईशी ही कांग्रेसी है बस कुछ दिनो के लिए भाजपा में चले गए थे। वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो सत्ता की चकाचौंध के चलते कांग्रेस में शामिल होने के लिए हाथ पैर मार रहे हंै।