MGM रैगिंग मामला: दोषी 4 छात्राओं को पूरे शैक्षणिक सत्र के लिए होस्टल से किया निष्कासित
इंदौर
सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद कॉलेजो में रैगिंग नामक बुराई अभी भी व्याप्त है और यही वजह है रैगिंग के मामले देशभर में आये दिन सामने आते हैं। हाल ही में मध्यप्रदेश की औद्योगिक राजधानी और एज्युकेशन हब इंदौर के एम.जी.एम. मेडिकल कॉलेज में चार छात्राओं पर रैगिंग जैसा गम्भीर आरोप लगा है। आरोपो में इतनी सच्चाई है कि एंटी रैगिंग कमेटी की जांच के बाद खुलासा होते ही चार छात्राओं के खिलाफ कॉलेज प्रबंधन ने कठोर कदम उठाया है। हालांकि रैगिंग गम्भीर अपराध है, लिहाजा उम्मीद ये भी की जा रही थी कि छात्राओं को ओर भी कठिन दंड दिया जाए। लेकिन उनके भविष्य को देखते हुए कॉलेज प्रबंधन ने एक मौका दिया है।
दरअसल, इंदौर के एम.जी.एम. मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस फाइनल ईयर की चार छात्राएं रैगिंग मामले में पकड़ाई है। जिसके चलते कॉलेज प्रबंधन की एंटी रैगिंग कमेटी ने चारों छात्राओं को हॉस्टल से निष्कासित करते हुए मामले में आगे जांच शुरू की है। जानकारी के मुताबिक चारों सीनियर छात्राएं जूनियर छात्राओं पर कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलने को लेकर दबाव बना रही थी । जिसकी जानकारी एम.जी.एम. कॉलेज की डीन डॉक्टर ज्योति बिंदल तक पहुंची और उन्होंने मामला एंटी रैगिंग कमेटी को सौंपा।
जांच में पाया गया कि यह शिकायत सही है इसी को लेकर के कॉलेज प्रबंधन ने चारों सीनियर छात्रों को हॉस्टल से पूरे शैक्षणिक सत्र के लिए निष्कासित कर दिया है। इसके साथ ही मामले की आगे और जांच की जा रही है। एम.जी.एम.मेडिकल कॉलेज डीन डॉ.ज्योति बिंदल ने यह भी बताया कि यह ठोस कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि आगे से कोई भी सीनियर छात्रा जूनियर छात्राओं के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार या रैगिंग जैसी हरकत ना करें। फिलहाल, घटना के बाद जूनियर छात्राएं घबराई हुई थी लेकिन कॉलेज प्रबंधन के फैसले के बाद आखिरकार उनकी मुश्किलें कुछ हद तक कम की है।