vipin varagi
नरसिंहपुर, जिला चिकित्सालय में चल रही अनेकों घनघोर लापरवाही के चलते एक और बड़ा मुद्दा सामने आया जिला चिकित्सालय के स्टोर औषधि भंडार गृह में कार्यरत कर्मचारी निलेश कुमार वर्मा ने लिखित शिकायत के माध्यम से सिविल सर्जन तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सूचित किया लेकिन अस्पताल प्रशासन के द्वारा शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया

जिसकी शिकायत कलेक्टर के पास की गई जिस पर जिला प्रशासन ने शिकायत पर तत्परता से संज्ञान लेते हुए कार्यवाही की शिकायत में उल्लेखित बात फार्मासिस्ट स्टोर के द्वारा शनिवार दिनांक 12 /1/ 19 को लगभग सभी दवाइयां स्टोर में सबसे अंदर की ओर एक तरफ रखी गई थी जिस पर नीलेश को शक हुआ कि कोई तो कारण है जिससे सभी अंकित मूल्य की महंगी दवाइयां अलग रखने का क्या कारण हो सकता है ऐसी सभी दवाइयों की मोबाइल में नीलेश के द्वारा फोटो खींच ली गई और अगले दिन रविवार और सोमवार को स्थानीय अवकाश घोषित होने के कारण स्टोर प्रभारी अमित तिवारी छुट्टी के दिन में भी अपने घर पर नहीं जा रहे थे तथा मेरे द्वारा पूछे जाने पर स्टोर प्रभारी ने बताया कि सिविल सर्जन का कोई काम है इसलिए नहीं जा रहा हूं जब सोमवार और रविवार को अवकाश था तब भी स्टोर खोला गया ऐसा मुझे इसलिए प्रतीत हुआ क्योंकि कुछ महंगी दवाइयां स्टोर में अपनी जगह पर दिन मंगलवार को नहीं मिली वार्ड ब्वॉय दीवान खान से भी मेरे द्वारा पूछा गया लेकिन उनका भी कहना है कि शनिवार को वास्तव में दवाइयां वहां रखी थी पर आज नहीं है और दीवान खान के द्वारा उन्हें कहीं नहीं रखा गया तब निलेश को शक हुआ क्योंकि पहले भी अनेकों बार ऐसा हो चुका है पर संज्ञान में ना होने के कारण अवगत नहीं करा पाया और शायद इसी कारण नॉन ई डी एल खरीदी में नरसिंहपुर जिला पहले स्थान पर था और उसी दिन शाम को दिन मंगलवार 15 /1/ 2019 को अमित तिवारी द्वारा एक फार्मासिस्ट मिश्रा जी जो दवा वितरण मैं कार्यरत से कहा गया कि कुछ दवाइयां जो हम यहीं से वितरित कर देते हैं उनका ऑर्डर कर देना जैसे न्यूमर कौजल और अन्य तभी मैंने श्री मिश्रा के सामने न्यूमर्कौजल गिनवाई गई तो 2000 टेबलेट कम पाई गई दीवान खान द्वारा बुलबाई गई तो नहीं मिल सकी इस स्थिति को देखते हुए मैंने पुन्हा स्टोर में जाकर और भी दबाएं चेक की लेकिन बहुत सी प्रिंट रेट वाली और महंगी दवाएं अपने स्थान पर नहीं थी दीवान खान को भी मेरे द्वारा इस बात से अवगत कराया गया उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की शनिवार को जब सारी दवाइयां स्टोर में रखी हुई थी तब 2 दिन के अवकाश होने के बाद भी आखिर जिन दवाओं के ऊपर मूल्य निर्धारित थे और महंगी कीमत बाली दवाइयां हजारों की संख्या में कहां गायब कर दी गई इसके पश्चात जब रिकॉर्ड रजिस्टर चेक किया तो उसमें उस समय तक कोई एंट्री भी नहीं की गई थी कि जिससे किसी विभाग को दी गई हो साधारण रजिस्टर में लाल पेन से लाइन खींच कर अपने हस्ताक्षर करके तारीख भी मेरे द्वारा डाल दी गई थी और अपने मोबाइल में फोटो भी रजिस्टर की खींच ली गई जैसे कि ह्यूमन एल्बुमिन जो रजिस्टर नंबर 21 क्रमांक 201 पर अंकित है टेबलेट के अलावा और भी सामान हो सकता है यदि रिकॉर्ड के साथ मिलाया जावे तो पता चल सकता है जिला चिकित्सालय के स्टोर मैं कार्यरत संविदा फार्मासिस्ट नीलेश कुमार वर्मा के द्वारा जिला चिकित्सालय में किए जा रहे बड़े गमन को लेकर जिस बहादुरी से शिकायत की गई और उस शिकायत पर अस्पताल प्रशासन के द्वारा कोई जांच या कार्यवाही ना करना यह अस्पताल प्रशासन के सिविल सर्जन तथा अन्य जवाबदार अधिकारियों की मिलीभगत से यह झोलमाल बरसों से किया जा रहा है महंगी दवाइयों के लिए मरीजों को बाजार से लेने के लिए विवश किया जाता है।
4.50 अनुमानित की दवाई का मामला आया सामने
नीलेश कुमार वर्मा की शिकायत पर तत्परता से कार्य करते हुए कलेक्टर दीपक सक्सेना के आदेश पर देर रात 10:00 बजे के करीब जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरपी अहिरवार एसडीएम महेश कुमार बमनहा ने दल बल के साथ पहुंचकर जिला चिकित्सालय के स्टोर को सील कर दिया दूसरे दिन सुबह अमले के साथ पहुंचकर जांच के दौरान निलेश वर्मा के द्वारा की गई शिकायत की पुष्टि का सत्यापन करते हुए शिकायत को सही पाया गया जिसमें स्टोर प्रभारी के घर जाकर जांच की गई तथा गहन पूछताछ के चलते जिला प्रशासन के द्वारा मामले को गंभीर मानते हुए एक जांच समिति का गठन भी किया गया जिसमें जिला चिकित्सालय मैं चल रहे दवाइयों के हेरफेर का आकलन कर वास्तविकता को सामने लाया जा सके
सिविल सर्जन का नाम भी आया शिकायत में
शिकायतकर्ता के द्वारा शिकायत में उल्लेख किया गया है कि स्टोर प्रभारी अमित तिवारी के द्वारा अवकाश के दिन स्टोर खोला जाना तथा पूछने पर सिविल सर्जन का काम होना बतलाया जाना यह बात सिविल सर्जन का भी इस दवाई घोटाले में मिलीभगत होने की ओर इशारा करता है क्योंकि लाखों रुपए की दवाइयों का हेरफेर कोई व्यक्ति अकेला नहीं कर सकता जब तक कोई बड़ी ताकत उसके साथ ना हो पूर्व मैं भी सिविल सर्जन अनेकों विवादों में घिरे रहे आए दिन अस्पताल परिसर में व्याप्त अनियमितताओं के चलते अनेकों घटनाएं घटित होने के कारण अखबारों की सुर्खियों में बने अस्पताल प्रशासन कि यदि गंभीरता से जांच की जाती है तो एक बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।