भूख से बिलबिलाए नक्सलियों ने लूटा राशन

रायपुर  नक्सल प्रभावित जनपद सुकमा में नक्सलियों ने सीआरपीएफ कैंप के लिए जा रहे राशन को लूट लिया है। मंगलवार देर शाम घने जंगल में घात लगाए बैठे नक्सलियों ने घटना को दिया अंजाम। दोरनापाल बाजार से जवानों के लिए राशन खरीदा गया था। उसे वाहन पर लादकर सीआरपीएफ की 150वीं बटालियन और कोबरा की 206वीं बटालियन के लिए ले जाया जा रहा था। इसी बीच जंगल से पहले से मौजूद नक्सलियों ने दो वाहनों को रोका और सारा सामान लूट कर फरार हो गए। किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। नक्सली हैं भूखे... बस्तर के जंगलों में फोर्स के लगातार बढ़ते दबाव के चलते नक्सलियों को राशन भी नहीं मिल पा रहा है, भूखों मरने की नौबत है। इसका खुलासा नक्सली डिप्टी कमांडर द्वारा एरिया कमांडर को लिखे एक पत्र से हुआ था। सुरक्षा बलों के हाथ लगे इस पत्र में नक्सली लीडर सीतू ने इस बात का जिक्र किया था कि नक्सलियों के पास राशन खत्म हो गया है। पत्र में राशन की तुरंत व्यवस्था करने की बात भी लिखी गई थी। नक्सलियों को सहयोग नहीं माना जा रहा है कि फोर्स के बढ़ते दबाव के बीच नक्सलियों से गांव वालों ने अब बेहद दूरी बना ली है। इसके चलते जहां पहले नक्सलियों को इन गांवों से भोजनादि मिल जाया करता था, अब वह लगभग बंद हो चुका है। नक्सलियों की हिंसात्मक मंशा जगजाहिर होने के बाद उन्हें सामाजिक समर्थन मिलना अब लगभग बंद है। राशन लूट कांड को जानकार इसी नजरिए से जोड़कर देख रहे हैं। धन की भारी कमी राशन लूट कांड परिपेक्ष्य में माना जा रहा है कि नक्सलियों के पास अब धन की भी भारी कमी हो गई है। आमतौर पर बस्तर संभाग में नक्सलियों ने कभी राशन जैसी चीज नहीं लूटी। उन्हें समीपस्थ गांवों से भोजन मिल जाता था अथवा बाजार से भी नक्सली खरीदारी कर लिया करते थे। इस घटना ने यह पुष्ट संकेत दिया है फोर्स के बढ़ते दबाव व दायरे के बीच नक्सलियों के पास अब धन की भी भारी कमी हो गई है। ऑपरेशन मानसून बस्तर संभाग में आपरेशन मानसून के तहत इन दिनों फोर्स ने जबरदस्त दबाव बना रखा है। इसके चलते नक्सलियों पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। - पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा बस्तर में चलाए जा रहे चौतरफा अभियान से नक्सली बैकफुट पर आ गए हैं। इसके साथ ही आर्थिक रूप से भी इनका संगठन कमजोर हो रहा है। जिसके कारण ये राशन लूटने जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं - शलभ सिन्हा, एडिशनल एसपी, नक्सल ऑपरेशन