पंचायतों में जम कर हो रहा है भ्रष्टाचार

surendra tripathi

उमरिया, जिले के पंचायतों में जम कर हो रहा है भ्रष्टाचार आम जनता अधिकारीयों के पास लगा रही है गुहार, नहीं नही कोई सुनने वाला, ग्राम पंचायत चिल्हारी में कीचड़ और गन्दगी में रहने को मजबूर ग्रामीण, पीने को पानी भी नहीं मिलता, वहीँ ठेके पर बन रहे हैं घटिया किस्म के शौचालय | कलेक्टर दिए जांच का आश्वासन |

Panchayats are getting frozen in corruption उमरिया जिले के मानपुर जनपद अंतर्गत आने वाला   ग्राम पंचायत चिल्हारी बड़े पंचायतों में गिना जात़ा है यहाँ का बाज़ार भी छोटे कस्बे जैसा है, यहाँ पंचायत में लगभग 80 लाख रुपये का बजट रखा है, सरपंच एवं सचिव मिल कर बन्दर बाँट करने में लगे हैं, 1 लाख 32 हजार रुपये का शौचालय कन्या विद्यालय में बनाने के लिए शासन से मिला है जिसको सरपंच द्वारा ठेके पर दे दिया गया है, वहीँ पेय जल के लिए भी 1 लाख 32 हजार रुपये का बजट पी एच ई द्वारा पंचायत को दिया गया है लेकिन उस बजट से कोई काम नहीं कराया गया और ग्रामीण पानी को तरसते हैं, इतना ही नहीं 3 लाख 25 हजार रुपये का बजट हाई स्कूल में खेल मैदान बनवाने के लिए पंचायत को दिया गया लेकिन उसमें भी थोड़ा सा काम करवा कर रुपयों का हेर  फेर कर दिया गया | बस्ती के भीतर 10 लाख रुपये की लागत से 9 सौ मीटर नाली निर्माण के लिए बजट मिला लेकिन उसमें भी 450 मीटर नाली बनवा कर छोड़ दिया गया बस्ती के लोग कीचड़ और मच्छरों से परेशान हैं |

Panchayats are getting frozen in corruption

इस बारे में बस्ती में रहने वाले अनल बर्मन का कहना है कि यह नाली अधूरी बना कर छोड़ दिया गया है 10 माह से कोई सुनने वाला नहीं है प्रदेश सरकार के जन शिकायत टोल फ्री नंबर 181 पर भी फोन किया गया लेकिन कोई कार्यवाई नहीं हुई हर तरफ से गन्दगी बह कर आती है बच्चे बीमार होते हैं | वहीँ वार्ड क्रमांक 16 के पार्षद पति धीरज विश्वकर्मा का कहना है कि हम लोग इसमें काम किये हैं 450 मीटर नाली निर्माण करवाए अभी तक किसी का भुगतान नहीं हुआ यहाँ के लोग मच्छरों के कारण अहि बीमार हैं और कुछ की मृत्यु भी हो चुकी है हम लोग शिकायत कर चुके कोई सुनवाई नहीं हो रही है | वहीँ मोहल्ले की हि वृद्धा जानकी बाई का कहना है कि घर के बगल से नाली खोद दिए हैं और नहीं बनवा रहे हैं हमारा घर गिर जाएगा, हम कई बार शिकायत कर चुके हैं कोई नहीं सुनता है हम लोग बीमार हो रहे हैं |

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अब बाज़ार का हाल भी देखें, यहाँ तो कीचड़ भरा हुआ है लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है जबकि बाज़ार किसी छोटे कस्बे से कम नहीं है, इस मामले में जब पंचायत के उपसरपंच मधुर चन्द गुप्ता से बात किये तो वो भी पीड़ित दिखे उनका कहना है कि ग्राम विकास नहीं हो रहा है, प्रस्ताव लिखवाने बाद भी कुछ नहीं हो रहा है जबकि पंचायत में 70 80 लाख रुपया पडा हुआ है, यहाँ आय  व्यय की जानकारी कभी नहीं दी जाती है, मनमानी व्यय होता है, जहां बचत होने वाली होती है वहां काम होता है और जहां बचत होने वाली नहीं होती है वहां काम नहीं होता है, मेरे को कहा गया था कि काम करवाईये तो मैं खडा होकर काम करवाया हूँ लेकिन कोई भी पेमेंट नहीं दिया गया, कई बार प्रस्ताव लिखवाया हूँ लेकिन काम शुरू नहीं हो रहा है जनपद में कई बार शिकायत किया हूँ लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ | वहीँ वार्ड क्रमांक 8 के पार्षद राम चन्द्र मिश्रा का कहना है कि  कई बार पंचायत से प्रस्ताव भी पास किया गया कि नाली बन जाय लेकिन कभी ध्यान ही नहीं दिया गया, ये लोग कोई जानकारी पंचों को नहीं देते हैं पिछले सचिव सस्पेंड हो गए हैं लेकिन कभी कोई जानकारी नहीं देते थे अभी शिकायत कलेक्टर साहब के यहाँ पडी है लेकिन कुछ नहीं हो रहा है सरपंच  सचिव मनमानी कर रहे हैं एक बार तहसीलदार साहब आये फिर लौट कर  नहीं आये |

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ये तो रहे गाँव के हाल अब चलें शिक्षा के मंदिर की तरफ, पहले चलते हैं हाई स्कूल तरफ वहां पर खेल का मैदान बनाने के लिये सवा 3 लाख रुपया मिला था और पौधे रोपे गए हैं लेकिन कैसे काम हुआ है सुनते हैं जनपद सदस्य पति सत्य पाल गुप्ता की जुबानी, इनका कहना है यहाँ पंचायत के द्वारा भी मैदान बनाया गया है जबकि स्कूल वालों ने भी बनवाया है जितना दिख रहा है पहले से बनवा लिया गया था इसमें लीपा  पोती करके पूरा पैसा निकाल लिए हैं, और खेल मैदान नहीं बनवाये | अब ज़रा पौध रक्षक की भी समस्या सुन लें, राजू बंसकार का कहना है कि यहाँ पानी  बिजली की सुविधा नहीं है जिससे हम पानी टैंकर से दूसरे जगह से खरीद कर लाते हैं यहाँ अगर बिजली का ट्रांसफार्मर नया लगा दिया जाय और इस बोर में मोटर लग जाय तो पानी की सुविधा हो जाय, लेकिन ये ट्रांसफार्मर फेल है हमें जे ई साहब ने बताया कि ये ट्रांसफार्मर नया है जिस दिन चालू हुआ है उसी दिन से फेल है यहाँ बिजली पानी की व्यवस्था किया जाय, अब ज़रा ट्रेक्टर वाले धर्मेन्द्र पटेल की भी सुन लें इनका कहना है कि सरपंच द्वारा मुरुम डालने को कहा गया था लेकिन उसका पैसा भी नहीं मिला 15  16 ट्राली 600 रुपये के दर से डाले थे अभी तक नहीं मिला कह दिए कि अभी पैसा आया ही नहीं है |

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इतना तो हो गया अब ज़रा कन्या शाला में बन रहे शौचालय का हाल भी देख लें इसकी लागत 1 लाख 32 हजार रूपये है, इसके बारे में जनपद सदस्य पति सत्य पाल गुप्ता बताते हैं कि शौचालय ग्राम पंचायत को बनाना था लेकिन कहीं मानपुर का ठेकेदार है उसको ठेके पर दे दिए हैं तो वो 10  1 का मसाला सीमेंट में बनाता है ईटा और रेत खराब लगाता है इस तरह से लीपा  पोती करके रोजगार सहायक राज मणी के साथ मिल कर ठेकेदार आधा आधा बाँट कर काम कर रहे हैं |

इस मामले में जब ग्राम पंचायत चिल्हारी के सरपंच दिनेश कोरी से बात किया गया तो हर बात में झूठ बोलते हुए कहे कि नाली पूरी हो जायेगी उसमें कुछ दिक्कत है उस समय फसल लगी थी लोग बनाने नहीं दे रहे थे, जबकि 8 माह बीत गए हर समय फसल नहीं रहती फिर कहे कि सचिव लोग बदलते रहते हैं इसलिए काम प्रभावित है पर काम हो जाएगा, 3 दिन में काम चालू हो जाएगा, गौरतलब है कि किस 3 दिन में कान चालू होगा यह नहीं बता रहे हैं वहीँ कन्या विद्यालय में ठेके से बन रहे घटिया शौचालय के बात पर कहे कि हम जाकर चेक करते रहते हैं 1 लाख 32 हजार का है और स्टीमेट के अनुसार ही बन रहा है और ठेके पर नहीं दिया गया है कोई भी विपक्षी बोलेगा तो क्या, वहीँ पानी के बारे में कहे कि पुरानी लाईन बिछी है जहां तक सप्लाई जाती है वहां तक पानी आता है, वहीँ बताये कि 1 लाख 32 हजार नल  जल योजना के लिए मिला था और 4 बोर है जिसमे मोटर डाली गई है और 1 माह में 4  4 बार मोटर जल जाती है जब पूंछा गया कि घर की मोटर 1 माह में 4 बार नहीं जलती है तो कहे जो मोटर मिली थी वही डाले हैं हम खरीद कर तो नहीं डाले हैं वहीँ जब बकाया मजदूरी भुगतान के बारे में पूंछा गया तो कहे कि बीच में बजट की समस्या थी अब आ गया है 2  4 दिन में भुगतान हो जाएगा | अब अगर सरपंच की माने तो पी एच ई विभाग भी कटघरे में है जो ऐसी मोटर सप्लाई किया कि माह में 4 बार जल जाती है, इसमें पी एच ई या सरपंच दोनों में से कोई दोषी है यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा |     

इस मामले में जिले के कलेक्टर माल सिंह से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि मेरे पास शिकायत आई है मैं जिला पंचायत को जांच के लिए भेज दिया हूँ जैसी रिपोर्ट आयेगी उस आधार पर कार्यवाई होगी |

गौरतलब है कि एक तरफ तो पंचायतों में भ्रष्टाचार इस कदर फैला है कि मोदी जी के स्वक्षता मिशन की खुली आम धज्जियां उड़ रही है और दूसरी तरफ जिला प्रशासन जिले को ओ डी एफ कराने और स्वच्क्षता के नाम पर ईनाम लेने की तैयारी कर रहा है , आम जनता शिकायत कर रही है लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है ऐसे में कैसे ओ डी एफ होगा यह विचार करने योग्य है वहीँ 2 अगस्त को प्रदेश के मुखिया भी उसी रास्ते पर जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं और आम जनता उनकी यात्रा का इंतज़ार कर रही है कि शायद उनकी सुनवाई हो जाय |