UK की संसद ने चखाया FB को मजा, हाथ मलते रह गए जकरबर्ग

UK की संसद ने चखाया FB को मजा, हाथ मलते रह गए जकरबर्ग

         
ब्रिटिश पार्लियामेंट ने 250 पन्नों का एक दस्तावेज जारी किया है. यह दरअसल फेसबुक पर अमेरिका में किए गए मुकदमे की कॉपी है. रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक ने इस दस्तावेज को जारी किए जाने पर रोक लगाने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन ब्रिटिश मेंबर ऑफर पार्लियामेंट डेमियन कॉलिन्स ने कहा है कि इसे जनहित को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन पोस्ट किया गया है.

इस दस्तावेज में फेसबुक के इंटर्नल ईमेल्स और दूसरे डॉक्यूमेंट्स हैं जिन्हें फेसबुक और एक ऐप डेवेलपर के बीच चल रहे मुकदमे के बाद सील करने का आदेश दिया गया था. 
इस दस्तावेज में ऐसा क्या है जिसकी वजह से फेसबुक इसे जारी करने पर रोक लगाना चाहता है. इस पूरे दस्तावेज में दो फाइंडिंग्स हैं – पहला डेटा प्राइवेसी को लेकर और दूसरा कंपटीशन है.

डेटा प्राइसी की वजह से ही फेसबुक पर मुकदमा किया गया और यह दस्तावेज लाइम लाइट में आया है. यह दस्तावेज 2012 का है और एक्सपर्ट्स कह रहे हैं इस दस्तावेज को समझकर यह कहा जा सकता है कि फेसबुक अपने ग्रोथ के लिए यूजर की प्राइवेसी दांव पर लगा सकता है.

मेंबर ऑफ पार्लियामेंट डेमियन कॉलिन्स ने ट्वीट किया है. इसमें उन्होंने लिखा है, ‘मुझे लगता है कि इस दस्तावेज को जारी करना जनहित में है. ये दस्तावेज फेसबुक द्वारा ट्रीट किए गए फेसबुक यूजर डेटा पर गंभीर सवाल खड़े करता है. किस तरह से फेसबुक ऐप डेवेलपर्स के साथ काम करता है, कंपनी की पॉलिसी क्या है और कैसे वो सोशल मीडिया मार्केट में राज कर रहे हैं’

आपको बता दें कि की वहां की एक कमिटी फेसबुक प्राइवेसी को लेकर जांच कर रही है और इसी क्रम में Six4Tree ऐप डेवेलपर से दस्तावेज हासिल किया गया है.

बताया जा रहा है कि इस दस्तावेज में यह साफ तौर पर है कि कंपनी अपने खास डेवेलपर्स को पॉलिसी के खिलाफ जा कर भी यूजर डेटा का ऐक्सेस देती है.

फेसबुक के एक प्रवक्ता ने कहा है, ‘ये दस्तावेज भ्रामक हैं. दूसरे बिजनेस की तरह हमारे पास भी कई इंटरनल कनवर्सेशन होते हैं. इनमें उन तरीकों पर बात होती है जिससे हम अपने बिजनेस मॉडल को ठीक ढंग से चला सकें. लेकिन फैक्ट साफ है कि हमने कभी लोगों का डेटा नहीं बेचा है’

Six4Three नाम का एक ऐप डेवेलपर है जिसने यूजर के फेसबुक फ्रेंड्स की जानकारियां इकठ्ठी करता था. इस डेवेलपर ने फेसबुक पर मुकदमा किया, क्योंकि फेसबुक ने 2015 में इस ऐप को फेसबुक से ब्लॉक कर दिया. टेक्निकल टर्म में कहें तो फेसबुक ने API ऐक्सेस ब्लॉक कर दिया. ऐसा ही API कैंब्रिज अनलिटिका का था जो फेसबुक से लगभग 87 मिलियन यूजर्स की जानकारी अवैध तरीके से इकठ्ठी की.

रिपोर्ट के मुताबिक इस दस्तावेज से यह समझा जा रहा है कि फेसबुक कलेक्ट किए गए डेटा को कैसे मैनेज करें और इससे कैसे पैसे कमाए जा सकते हैं इसके बारे में विचार कर रही थी. इससे पहले भी वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ अधिकारी यूजर डेटा के ऐक्सेस को बेचने के बारे में सोच रहे थे. इस दस्तावेज में यह भी है कि कुछ डेवेलपर्स के साथ फेसबुक ने खास डील की थी ताकि वो फेसबुक के कड़ाई के बाद भी यूजर डेटा ऐक्सेस करते रहें.