UN में बोला भारत, पाकिस्तान की स्टेट पॉलिसी है आतंक
संयुक्त राष्ट्र
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को आतंकवाद का जनक करार देते हुए कहा है कि वह इसे स्टेट पॉलिसी के तौर पर इस्तेमाल करता रहा है। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद में भारत ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से स्टेट पॉलिसी के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल केंद्रीय समस्या है। दुनिया को आतंकवाद और उसे बढ़ावा देने वालों की निंदा करनी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 40वें सेशन को संबोधित करते हुए गुरुवार को भारत के राजदूत राजीव चंदर ने कहा, 'आतंकवाद मानवाधिकार के सबसे मूल अधिकारों का उल्लंघन है। हमें इसके जोखिम से अपने स्तर पर निपटना होगा।' भारत ने मानवाधिकार परिषद को बताया, 'मुख्य समस्या पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देना है। वह आतंकवाद अपने स्टेट पॉलिसी के तौर पर इस्तेमाल करता है। इस तथ्य को हमें समझना होगा।'
भारतीय प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र से आह्वान किया कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जानी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकस्वर से आतंकवाद की तीखी निंदा करने की जरूरत है। ह्यूमन राइट्स हाई कमिश्नर के साथ इंटरैक्टिव सेशन में भारतीय प्रतिनिधि चंदर ने कहा, 'हम स्पष्ट तौर पर मानते हैं कि संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की रणनीति होनी चाहिए। यह हम लोगों के लिए अच्छा होगा। हम सभी आतंकवाद और उसे बढ़ावा देने वाले लोगों की एक स्वर में निंदा करने की जरूरत है।'
जम्मू-कश्मीर के मसले को लेकर राजदूत ने कहा कि भारत का पक्ष राज्य के संबंध में पहले ही परिषद में स्पष्ट किया जा चुका है। चंदर ने कहा, 'पूरा जम्मू-कश्मीर राज्य भारत का अभिन्न अंग है। इसके एक हिस्से पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा जमा रखा है।' इससे पहले पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र में प्रतिनिधि ताहिर हुसैन अंद्राबी ने भी कश्मीर का मुद्दा उठाया था।