नई दिल्ली, आतंकवाद के उभरते चेहरे के तौर पर देखते हुए अमेरिका ने गुरूवार को ओसामा बिन लादेन के बेटे की सूचना देने पर एक मिलीयन अमेरिकी डॉलर के ईनाम की घोषणा की है. हमजा बिन लादेन जिसे क्राउन प्रिंस ऑफ जिहाद भी कहा जा रहा है, उसके बारे में दुनिया के अलग-अलग देशों में रहने के कयास लगाए जा रहे हैं. ऐसी रिपोर्ट्स थी कि वह पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सीरिया या फिर ईरान में नजरबंद है.

अमेरिकी विदेश विभाग ने अलकायदा का हवाला देते हुए कहा- “हमजा बिन लादेन अलकायदा के मारे जा चुके नेता ओसामा बिन लादेन का बेटा है, जो अलकायदा के नेता के तौर पर उभर रहा है.” अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि उसकी किसी भी देश में ठिकाना बताने पर एक मिलीयन डॉलर की रकम ईनाम के तौर पर दी जाएगी.
अल जवाहिरी ने हमजा को समूह का आधिकारिक सदस्य घोषित किया था
करीब लगभग डेढ़ साल पहले अलकायदा प्रमुख अल जवाहिरी ने हमजा को समूह का आधिकारिक सदस्य घोषित किया था. वर्ष 2011 में ओसामा की मौत के बाद हमजा अल कायदा का सक्रिय प्रचारक बन गया था. विदेश विभाग ने कहा कि नौ जुलाई, 2016 को अल कायदा ने हमजा बिन लादेन का एक ऑडियो टेप जारी किया था, जिसमें उसने अमेरिका से बदला लेने की धमकी दी थी और अमेरिकी लोगों को चेतावनी दी थी कि अमेरिका और विदेशों में उन्हें निशाना बनाया जाएगा.
30 साल का है हमजा
हमजा बिन लादेन की उम्र मात्र 30 साल है । वो 1989 सउदी अरब के जेद्दाह में पैदा हुआ था।
मोहम्मद अता की बेटी से शादी
हमजा की शादी मोहम्मद अता की बेटी से हुई है। अता वो ही शख्स है जिसने 9/11 हमलों में कमर्शियल एयरक्राफ्ट का अपहरण किया था। बाद में इसी प्लेन से वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर अटैक किया गया।
सबसे ज्यादा पसंद था लादेन को
अमेरिका को अभी तक जितनी जानकारी मिली है, उसके मुताबिक यह बात सामने आई कि हमजा लादेन उसका सबसे प्यारा बेटा था।
किया जा रहा था भविष्य के लिए तैयार
एबटाबाद में लादेन को मारने के बाद अमेरिका के हाथ कुछ दस्तावेज भी लगे थे, जिसके मुताबिक ओसामा अपने बेटे हमजा पर ज्यादा ध्यान दे रहा था। वो उसे भविष्य के लिए तैयार कर रहा था।
अमेरिकी ने हमजा को घोषित किया था ‘वैश्विक आतंकवादी’
अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा आतंकी घोषित करने का मतलब ऐसे विदेशी व्यक्तियों पर पाबंदी लागू करने से होता है, जिनके द्वारा आतंकी घटनाओं को अंजाम देने का गंभीर जोखिम होता है और जिससे अमेरिकी जनता की सुरक्षा को खतरा हो या राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति या अमेरिका की अर्थव्यवस्था को खतरा पैदा होता हो. आतंकी घोषित करने के बाद अब अमेरिका के अधिकार क्षेत्र में आने वाली हर उस संपत्ति पर रोक लगा दी जाएगी, जिससे हमजा का कोई हित जुड़ा है. इसके अलावा अमेरिकी नागरिकों के उस व्यक्ति के साथ किसी भी तरह के लेनदेन पर भी रोक लग जाती है.