brijesh parmar
उज्जैन, देर शाम उज्जैन एसपी मनोज कुमार सिंह मिडिया से मुखातिब हुए उन्होंने बताया कि उज्जैन पुलिस ने विकास दूबे को पकड़ा है। युपी एसटीएफ के हवाले पंचनामे के आधार पर किया है।24 घंटे के दरमियान यूपी पुलिस उसे नियमानुसार कोर्ट में पेश कर देगी।8 घंटे की उससे पूछताछ हुई है।विकास को अकेले ही पकड़ा गया है।वह राजस्थान के रास्ते उज्जैन पहुंचा था।
उज्जैन पुलिस द्वारा अभिरक्षा मे लिया गया । आज दिनांक- 09.07.2020 के सुबह लगभग 07.30 बजे महाकाल मंदिर के पास पूजा की प्रसाद की दुकान पर एक व्यक्ति मंदिर दर्शन के बारे में पूछताछ कर रहा था तभी दुकान मालिक सुरेश माली द्वारा उसका चेहरा पहचाना सा लगा इसके पश्चात वह व्यक्ति दुकान से चला गया तभी सुरेश माली द्वारा संदेह होने पर मंदिर के सुरक्षा कर्मी तथा पुलिस कर्मी को सूचित किया गया उसके पश्चात वह व्यक्ति मंदिर दर्शन करने हेतु चला गया तभी मंदिर के निकास द्वार पर लगे पुलिस सुरक्षा कर्मियों व महाकल मंदिर सुरक्षा कर्मियों द्वारा उपरोक्त संदिग्ध व्यक्ति को रोककर सतर्कता पूर्वक पूछताछ की गई जिस पर उसने पहचान व आईडी गलत बताया पुलिस अधिकारी कर्मचारियों द्वारा संदेह होने पर गंभीरता से पूछताछ करने पर उस अदिग्ध व्यक्ति ने अपने आप को विकास दुबे निवासी कानपुर उत्तर प्रदेश का रहने वाला बताया । उसके पश्चात पुलिस थाना महाकाल ले गये पुलिस थाना महाकाल पर विस्तृत पहचान हेतु पूछताछ की गई। विकास दुबे निवासी कानपुर की पहचान होने पर तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया था पूछताछ पश्चात उत्तर प्रदेश पुलिस को सूचित किया गया जहां से उनकी एक टीम उज्जैन पहुचीं जिसे विधिवत आरोपी विकास दुबे को उत्तर प्रदेश एसटीएफ को सुपुर्द कर रवाना किया गया ।विकास दुबे पिता रामकुमार दुबे उम्र 52 वर्ष निवासी ग्राम बिकरू थाना चौबे पुर जिला कानपुर जो कि थाना चौबे पुर के अपराध क्रमांक 192/2020 धारा 147,148,149,302,307,394 भादवि व धारा 7 अपराधिक कानून संसोधन अधिनियम दिनांक 02 एवं 03.07.2020 के दरम्यानी रात घटना के पश्चात अपराध मे फरार हो गया था ।जिसके ऊपर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा ढाई लाख रुपये के नगद ईनाम की घोषणा की गई थी । विकास दुबे एवं साथियों द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम जिसमे डीएसपी देवेन्द्र मिश्रा ,थाना प्रभारी शिवराजपुर महेश चन्द्र यादव ,चौकी इन्चार्ज मंधाना अनूप कुमार सिंह , सब इंस्पेक्टर नेबूलाल , सिपाही सुल्तानसिंह , सिपाही राहल , सिपाही बबलू और सिपाही जितेन्द्र की मुटभेड मे शहीद हो गये थे । एसपी पत्रकारों के कई सवालों का जवाब नहीं दे सके ।इनमें जितने मुंह उतनी विकास के पकडे जाने की कहानी का लोकमत का सवाल भी शामिल था।बाद में वे पत्रकारों के सवालों को अधुरा छोडकर ही चले गए।
सीआरपीसी की धारा 57 के प्रावधान का उपयोग किया पुलिस ने
जिला अभियोज कार्यालय के एडीपीओ एवं मिडिया प्रभारी मुकेश कुन्हारे के अनुसार पुलिस किसी भी व्यक्ति को पकडने के बाद 24 घंटे में न्यायालय में पेश करती है।इस मामले में भी सीआरपीसी की धारा 57 के तहत उज्जैन पुलिस के विकास को पकडे जाने और यूपी पुलिस के पंचनामा सिपुर्दगी कर ले जाने पर इसी का उपयोग किया जाएगा।यूपी पुलिस 24 घंटे में उसे कोर्ट में पेश कर देगी,इससे टांजिस्ट रिमांड की जरूरत ही नहीं होगी।कुन्हारे के अनुसार अगर 24 घंटे के पूर्णता की स्थिति के चलते कोई व्यवधान आता है तो ऐसे में पुलिस जहां होती है उसी न्यायालय में पेश कर सकती है।
राजस्थान के रास्ते उज्जैन पहुंचा था विकास
उज्जैन।विकास दूबे उज्जैन राजस्थान से होता हुआ आया था।उसने सफर तय करने के लिए कभी बस तो कभी प्रायवेट वाहन लिया था।वह अलवर,कोटा होता हुआ उज्जैन पहुंचा था।उज्जैन पुलिस के एएसपी शहर रूपेश द्विवेदी ने पूछने पर बताया कि विकास फरार होकर उत्तरप्रदेश से राजस्थान के अलवर,कोटा होता हुआ उज्जैन आया था।उसने इसके लिए जहां तक बस मिली उसका उपयोग किया एवं जहां से उसे ट्रेवलिंग के लिए इस तरह का कोई साधन नहीं मिला वहां से प्रायवेट कार टैक्सी का उपयोग करते हुए उज्जैन पहुंचा। एएसपी के अनुसार उसकी बताई गई बातों पर सामान्य तौरपर विश्वास नहीं किया जा सकता है।कोरोना के चलते अभी बसें नहीं चल रही हैं ।पुलिस की पूछताछ में जो उसने बताया उसकी पुष्टि पुलिस देर रात तक करने में लगी हुई थी। उससे की गई पूछताछ में भी कई सारी बाते उसने कही लेकिन उन सभी बातों की पुष्टि किए जाने के बाद ही उन्हे बताया जाना उचित होगा। द्विवेदी ने पूछे जाने पर सापु किया कि उज्जैन में उसके रिश्तेदार की शंका में आनंद तिवारी को पूछताछ के लिए पुलिस लेकर आई है।उससे पूछताछ की जा रही है।
उज्जैन पुलिस गार्ड करते हुए छोडने गई
उज्जैन।विकास को पकडे जाने के करीब छ घंटे बाद उत्तरप्रदेश पुलिस उज्जैन पहुची थी ।बाद में उसे शाम 6 बजे के लगभग पंचनामें पर उजजैन पुलिस ने उसकी सिपुर्दगी उत्तरप्रदेश पुलिस को दी।उज्जैन पुलिस ने उत्तरप्रदेश पुलिस को गार्ड भी मुहैया करवाई है।
एसपी मनोज कुमार सिंह के अनुसार विकास को सौंपे जाने की प्रक्रिया पंचनामा के आधार पर की गई है।उसे यहां से उत्तरप्रदेश एसटीएफ के अधिकारियों के हवाले करने के साथ ही सड़क मार्ग से उज्जैन पुलिस की गार्ड के साथ रवाना किया गया है।एक पुलिस अधिकारी के अनुसार विकास दूबे इतना शातिर है कि उसने मंदिर में पहुंचने के बाद अपना मास्क पुरी तरह हटा दिया था। मंदिर के बाहर के सीसीटीवी में वह मास्क पहने हुए नजर आया जबकि मंदिर परिसर में उसने मास्क पुरी तरह हटा दिया था।वह यह भी जानता था कि मंदिर परिसर में मौजूद सुरक्षा कर्मी बगैर हथियार के रहते हैं इसी के चलते वह मंदिर के बाहर तक पहचान छुपाए रहा और बाद में उसने खुले चेहरे से अपना खेल अंजाम दिया।