भाद्रपद के दूसरे सोमवार को भगवान श्री महाकालेश्वर ने भक्तों को दो रूपों में दर्शन दिये

brijesh parmar
उज्जैन। राजाधिराज भगवान श्री महाकालेश्वर भाद्रपद माह के दूसरे सोमवार को अपनी प्रजा को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। भगवान महाकाल ने छठी सवारी में अपनी प्रजा को दों रूपों में दर्शन दिये। सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन करने के बाद निर्धारित समय से भगवान श्री महाकाल की पालकी को नगर भ्रमण के लिये रवाना किया गया।
सभा मंडप में पूजन-अर्चन शासकीय पुजारी पं.घनश्याम शर्मा ने सम्पन्न करवाया । सभामंडप में पूजन श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्येक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिंह एवं पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र शुक्ल ने किया । पूजन के पश्चात सभी गणमान्यों ने पालकी को नगर भ्रमण की ओर रवाना किया। सवारी मंदिर परिसर में पहुंची तो पालकी में विराजित बाबा श्री चंद्रमोलीश्वर ने श्री साक्षी गोपाल मंदिर पर भगवान से भेंट की।
हरि से हर के मिलन का सुखद संयोग जन्माष्टमी के शुभ पर्व पर देखते ही बन रहा था। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी मे विराजित श्री चन्द्रमौलेश्वर भगवान को सलामी दी गई। पालकी के आगे घुडसवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान आदि की टुकडियां मार्च पास्ट करते हुए चल रही थीं। राजाधिराज भगवान महाकाल की सवारी में भक्त भगवान शिव का गुणगान करते हुए तथा झांझ-मंजीरे, डमरू बजाते हुए चल रहे थे। श्री महाकालेश्वर भगवान की छठी सवारी में रजतजडित पालकी में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर विराजित थे और पालकी के पीछे भगवान श्री मनमहेश हाथी पर रजत सिहासन पर विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले।
भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर की पालकी श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार से बडा गणेश मंदिर के सामने, रूद्रसागर, हरसिद्धि मंदिर के समीप से नृसिंह घाट रोड पर सिद्धआश्रम के सामने से निकल कर क्षिप्रातट रामघाट पहुंची। रामघाट पर मां क्षिप्रा के जल से बाबा श्री चन्द्रमौलीश्वर का अभिषेक-पूजन किया गया। क्षिप्रा नदी के जल से अभिषेक-पूजन व आरती के पश्चात सवारी रामानुजकोट, हरसिद्धी पाल से हरसिद्धी मंदिर के सामने पहुंची।
शिव ने की शक्ति से भेंट
नगर भ्रमण के दौरान बाबा श्री महाकाल जैसे ही मॉ हरसिद्धी मंदिर के द्वार पर मॉ से भेंट करने पहुंचे, माता शक्ति एवं बाबा सर्वशक्तिमान के जयकारों की गूंज से सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय बन गया। मॉ हरसिद्धी के द्वार पर बाबा श्री महाकालेश्वर व मॉ की आरती के समय आकर्षक आतिशबाजी व पुष्प वर्षा की गयी। आरती के पश्चात सवारी बडा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में वापस आयी।
जहॉ सभामण्डप में पुन: पूजन के बाद सवारी का विश्राम हुआ।बाबा श्री महाकालेश्वर के नगर भ्रमण के दौरान संपूर्ण मार्ग में फूलों व रंगों की रंगबिरंगी रंगोली, आतिशबाजी, सतरंगी ध्वज, छत्रियां आदि के माध्यम से सजाया गया। सवारी मार्ग को आकर्षक बनाने के लिये आधुनिक सज्जा के उपायों द्वारा सुसज्जित, सुन्दर व भव्य बनाया गया। सवारी के दौरान आवश्यक व्यवस्था में लगने वाले अधिकारी-कर्मचारी सीमित संख्या में थें। भगवान श्री महाकालेश्वर की शाही सवारी सोमवार 06 सितम्बर को नगर भ्रमण पर राजसी ठाट-बाट के साथ निकलेगी।