अगर आपको रात को आते हैं बुरे सपने तो अपने तकिए के नीचे रखें ये रत्न
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आजकल लोग बिना सोचे समझे कोई भी नगीना अपनी अंगूठी में लगवाकर पहनने लगते हैं लेकिन वे यह भूल जाते हैं की कुछ नगीनों का उनके जीवन पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है। हम आपको यहां नीलम के बारे में बता रहे हैं, आपको बता दें की नीलम धारण करने वाले के लिए शुभ हो जाए तो रंक से राजा बना देता है और अगर यह अशुभ प्रभाव देने लगे तो राजा को रंक बनाने में भी इसे देर नहीं लगती है। नीलम धारण करने के बाद इसका प्रभाव बहुत ही तेजी से होता है। यह लगभग 24 घंटे में ही असर दिखाना शुरू कर देता है। नीलम की इन्हीं शक्तियों के कारण ज्योतिषशास्त्री सलाह देते हैं कि नीलम धारण करने से पहले इसकी जांच जरूर कर लें कि, यह आपके लिए लकी है या नहीं।
इसके लिए सामान्य सी विधि यह है कि नीलम को सोते समय तकिए के नीचे रख दें। सोते समय बुरे सपने नहीं आएं, स्वास्थ्य सामान्य रहे और चेहरे में कोई बदलाव नहीं हो तो समझ लें कि नीलम आपके लिए शुभ है। इसे पंचधातु, लोहा अथवा सोने की अंगूठी में जड़वाकर धारण करें। अगर इनमें से कोई भी परेशानी आती है तब नीलम पहनने की भूल नहीं करनी चाहिए।
एक व्यस्क व्यक्ति को 5, 7, 9 अथवा 12 रत्ती का नीलम धारण करना चाहिए। इसे धारण करने से पहले शनि मंत्र ओम् प्रां प्रीं प्रौं सः शनिश्चराय नमः मंत्र का जितना अधिक संभव हो जप करना चाहिए। नीलम धारण करने के लिए पुष्य, उत्तराभाद्रपद, चित्रा, स्वाति, धनिष्ठा और शतभिषा शुभ नक्षत्र हैं।
अगर थोड़ी सी समझ हो तो असली नीलम की पहचान आसानी से की जा सकती है।
अच्छी क्वालिटी के नीलम को अगर दूध में डाल दिया जाए तो दूध का रंग नीला दिखता है।
पानी से भरे कांच के गिलास में नीलम को रखें तो पानी के ऊपर नीली किरण दिखाई देगी। असली नीलम चमकीला और चिकना होता है। मोर के पंख के समान इसका रंग नीला होता है। यह पूरी तरह से पारदर्शी होता है इसके ऊपर रोशनी डालने पर नीली आभा छिटकती है।