अधर में लटकीं पीएम मोदी की पसंदीदा योजनाएं

नई दिल्ली 
पीएम मोदी की पसंदीदा स्मार्ट सिटी से लेकर पीएम आवास योजना के कामकाज में ढिलाई पर संसद की स्टैंडिंग कमिटी ने चिंता जताते हुए कहा है कि इन योजनाओं के लिए जितना पैसा जारी किया गया, उसका आधा भी खर्च नहीं किया जा सका है। समिति ने इस मामले में तथ्यों से छेड़छाड़ करने को लेकर भी चिंता जताई है और सरकार को नसीहत दी है कि वह इन योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए इसकी राह में आने वाली अड़चनों को दूर करे। यह रिपोर्ट सोमवार को ही लोकसभा में पेश की गई है। 
 
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय से जुड़ी स्टैंडिंग कमिटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मार्ट सिटी, अमृत, हृदय, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की योजनाओं के शुरू होने से लेकर अब तक कुल 36,194.39 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई, लेकिन इनमें से खर्च हुआ सिर्फ 7850.71 करोड़ रुपये। इनमें से भी स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के लिए 9943 करोड़ रुपये जारी किए गए लेकिन खर्च हुए हैं सिर्फ 182.62 करोड़ रुपये यानी 1.83 फीसदी। 

इसी तरह से 500 शहरों में जलापूर्ति और सीवरेज व्यवस्था के लिए अमृत योजना के तहत 12,447 करोड़ रुपये की राशि आबंटित की गई, लेकिन खर्च महज 29 फीसदी हुआ। स्वच्छ भारत मिशन के लिए भी जितना फंड दिया गया, उसमें से सिर्फ 38 फीसदी का ही इस्तेमाल हुआ। आवास योजना में 20 फीसदी रकम का ही उपयोग किया जा सका है।