अन्नदाता की हुंकार: टोका-टाकी के बीच भी निशाना PM मोदी ही रहे

अन्नदाता की हुंकार: टोका-टाकी के बीच भी निशाना PM मोदी ही रहे

नई दिल्ली
 किसानों की आत्महत्या से लेकर कर्जमाफी और न्यूनतम फसल उत्पाद मूल्य जैसे मुद्दों को लेकर संसद मार्ग गुंजायमान था। सुबह करीब 11:40 बजे से ही मंच से किसानों की भीड़ को संबोधित करने वाले नेताओं, समाजसेवियों के भाषण में किसानों की समस्या को दूर करने के सुझाव तो थे, लेकिन उससे भी अधिक उनके निशाने पर प्रधानमंत्री मोदी ही थे। समय बीतते-बीतते नौबत यह हो गई कि मंच पर वक्ताओं के भाषण से पहले उद्घोषक को स्पष्ट रूप से टोका-टाकी तक करनी पड़ी कि हरेक वक्ता किसानों की समस्याओं को दूर कराने के लिए तय किये गए प्रस्ताव के बारे में अवश्य बोलें। यह सिलसिला करीब-करीब किसानों की मुक्ति मार्च सभा के समापन तक जारी रहा है। हालांकि अंतिम नेताओं ने अवश्य ही किसानों के मांग को लेकर अपने भाषण में मुख्य स्थान दिया, लेकिन वह भी मोदी सरकार, भाजपा अध्यक्ष से लेकर राम मंदिर के नाम पर संघ और भाजपा द्वारा गुमराह करने तक की बात कहने से नहीं चूके। 

207 संगठन और राजनैतिक दलों के नेता भी हुए शामिल 
दरअसल अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों के कृषि संकट के स्थायी समाधान के लिए किसान चार्टर और किसान घोषणा पत्र के रूप में एक मसौदा संसद मार्ग पर आयोजित किसान सभा में पेश किया गया।  समिति द्वारा आयोजित किसान मुक्ति यात्रा भी इससे पूर्व निकाली गई। रामलीला मैदान से विभिन्न मार्ग से होते हुए यात्रा संसद मार्ग पर पहुंचकर रुकी। इसमें लगभग 207 संगठन तथा इक्कीस विभिन्न राजनैतिक दलों के नेता भी शामिल हुए। करीब चार घंटे से अधिक समय तक चले भाषण कार्यक्रम में लगभग हरेक नेता ने शुरुआत से ही मोदी सरकार, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, आरएसएस के विरुद्ध जमकर निशाना साधा। कुछ नेताओं ने उन्हें पॉकेटमार बताते हुए कहा कि वह अडानी और अंबानी के लिए गरीबों की जेबें काट रहे हैं तो कुछ ने उन्हें दुर्याेधन, दुशासन बताया। जबकि किसी ने स्पष्ट रूप से कहा कि मोदी केवल पंद्रह अमीरों के बारे में सोचते हैं। 

निशाने पर रहे मोदी
ऐसे हालात में जब किसानों से जुड़ा मुद्दा गौण होता दिखा तो मंच पर मौजूद उद्घोषक बी.सिंह ने वक्ताओं को आमंत्रित करने से पूर्व बार-बार कहा कि सरकार की खराब नीतियों से लेकर प्रधानमंत्री और भाजपा से लेकर राम मंदिर निर्माण पर हो रही राजनीति के बारे में बोलें, लेकिन भाषण में किसानों के लिए तैयार किया गया मेनीफेस्टो के बारे में अवश्य बोलें। ताकि उस मसौदे को संसद से पास कराने के लिए सभी एकजुट हो सकें। बहरहाल कार्यक्रम में बोलने आए अंतिम नेताओं ने ही इस बात का पालन किया।  थियेटर कलाकार से लेकर छात्र वर्ग भी रहा मौजूद: समिति के बैनर तले आयोजित आंदोलन में किसानों की समस्याओं को दूर कराने की बात कही जा रही थी, लेकिन देश का युवा वर्ग किसानों की समस्याओं को लेकर वाकई चिंतित है। यह कार्यक्रम में पहुंची युवाओं व छात्रों की भीड़ से भी स्पष्ट हुआ। हालांकि इनमें से कई ऐसे भी थे, जिन्हें किस सीजन में कौन सी फसल होती है, इसकी जानकारी नहीं थी। लेकिन वह आंदोलन और किसानों की मुख्य मांग को भली प्रकार से जान रहे थे और उसके समर्थन में नारे लगाकर व किसानों से बातचीत करते हुए वीडियो बनाने में जुटे थे। थियेटर कलाकार तो बीच-बीच में अपनी कला के अनुरूप किसानों की मांग को लेकर ढफली की थाप पर कार्यक्रम भी पेश करते नजर आए। 

राहुल-केजरी के साथ आने पर चर्चाएं गरम
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुक्रवार को एक साथ एक मंच आए तो चर्चाएं काफी गरमा गईं। किसानों के संसद मार्च में यूं तो केन्द्र की भाजपा सरकार के विरोध में सारा विपक्ष ही एक मंच पर आ गया था, लेकिन चर्चाएं तो राहुल और केजरीवाल को लेकर ही हो रही हैं।  कांग्रेस और आप के बीच जारी शीतयुद्ध में इसे नरमी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और दिल्ली के प्रभारी पीसी चाको ने ऐसी चर्चाओं को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के साथ जोड़ी या चुनाव पूर्व किसी तरह के गठबंधन की कोई बात नहीं है। उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद अगर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरती है तो उस समय आम आदमी पार्टी के साथ बातचीत का विकल्प खुला रहेगा।
     

केवाईएस ने दिया समर्थन
क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) के कार्यकर्ता शुक्रवार को संसद मार्ग पर आयोजित किसान मुक्ति मार्च को समर्थन देते हुए रैली में शामिल हुए। साथ ही, इस रैली में केवाईएस के कार्यकर्ताओं ने इस बड़ी संख्या में हिस्सेदारी निभाई। केवाईएस ने मांग उठाई कि छोटे एवं सीमान्त किसान जो अपनी जमीन पर बिना किसी से मजदूरी कराए खुद ही काम करते हैं, उन्हें सस्ते लोन की सुविधा मुहैया कराई जाए।