अमरीका में ठंड के कहर से 21 की मौत, आस्ट्रेलिया में गर्मी ने तोड़े रिकार्ड
कैनबरा
ग्लोबल वार्मिंग के चलते एक तरफ अमेरिका और कनाडा में अंटार्टिका से भी ज्यादा ठंड पड़ रही है और लोगों की आंखों की पुतलियां तक जम रही हैं तो दूसरी तरफ आस्ट्रेलिया में इस समय जबरदस्त गर्मी पड़ रही है। अमेरिका में ठंड से मरने वालों की संख्या 21 तक पहुंच गई है। बर्फबारी के चलते यहां जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। उधर आस्ट्रेलिया में जनवरी महीने में गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। मौसम विभाग की तरफ से शुक्रवार को जारी किए आंकड़े के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्रों में भीषण गर्मी पड़ रही है। जिन इलाकों में हमेशा ठंड पड़ती थी वहां पर तापमान पहली बार 30 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया।
पिछले तीन वर्षों में ऑस्ट्रेलिया में जनवरी का महीना सबसे अधिक गर्म रहा। इससे पहले केवल 2005 और 2013 में 2018 की अपेक्षा गर्मी अधिक पड़ी थी। ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य में पिछले महीने गर्म हवाएं काफी तेज चलीं। इसकी वजह से हजारों पेड़ गिर गए। न्यू साउड वेल्थ के अधिकारियों ने कहा कि भयंकर गर्मी की वजह से यहां पर सूखा पड़ गया है, जिसकी वजह से नदियों का पानी सूख गया है। पानी नहीं होने से हजारों मछलियां मर गई। गर्मी की वजह से दो लोगों की भी मौत हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि सूखाग्रस्त इलाकों में बारिश की सख्त जरुरत है।
जिसके बाद ही हालात सुधर सकते हैं। एडिलेड में 24 जनवरी का दिन सबसे गर्म रहा । इस दिन यहां का तापमान 46.6 डिग्री सेल्सियस नापा गया। इसी दिन साउथ ऑस्ट्रेलिया के पोर्ट अगस्टा शहर में पारा 49.5 डिग्री सेल्सियस रहा। बता दें कि देशभर में गर्म हवा के थपेड़ों के चलते ओजोन अलर्ट घोषित कर दिया गया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को आगाह किया है कि चिलचिलाती धूप और गर्म हवा से ओजोन का स्तर बढ़ेगा जिससे कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं।जलवायु परिवर्तन के कारण धरती जिस तरह गर्म हो रही है उससे वैज्ञानिक चिंतित हैं। हालांकि इन सबके बीच आम लोगों के बीच एक और भी सवाल उठ रहा है कि अगर धरती इतनी गर्म होती जा रही है तो मौसम इतना सर्द क्यों है? दुनिया के बड़े हिस्से में इस समय ठंड का प्रकोप है।
अमेरिका के कुछ हिस्से ऐसे भी हैं जहां तापमान शून्य से भी 50 डिग्री नीचे चला गया है। बर्फबारी का दौर भी जारी है। भारत के भी पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी हो रही है। कई स्थानों पर तापमान शून्य के नीचे पहुंच रहा है। इस सर्द मौसम में मन में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर ग्लोबल वार्मिंग का असर कहां है? अगर ग्लोबल वार्मिंग वाकई समस्या है तो फिर इस भीषण सर्दी का कारण क्या है? ग्लोबल वार्मिंग इस सर्दी को कुछ गर्म क्यों नहीं कर पा रही है? आम लोग ही नहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मन में भी यह सवाल उठा है। उन्होंने ट्वीट करके सवाल उठाया कि आखिर ग्लोबल वार्मिंग कहां गई?