अमेरिकी प्रतिबंध पर आज ट्रंप करेंगे ऐलान, क्या भारत को मिलेगी छूट?

अमेरिकी प्रतिबंध पर आज ट्रंप करेंगे ऐलान, क्या भारत को मिलेगी छूट?

नई दिल्ली    
पूरी दुनिया की नजर आज अमेरिका पर है. अमेरिकी प्रतिबंध पर डोनाल्ड ट्रंप आज कई मुल्कों को रियायत देने का ऐलान करेंगे. माना जा रहा कि ट्रंप प्रशासन दुनिया के आठ देशों को प्रतिबंध से राहत देगा, जिसमें भारत भी शामिल है. वहीं ट्रंप की त्यौरियां ईरान पर चढ़ी हुईं हैं, जिसने अमेरिकी 'शर्तों' को मानने से साफ इनकार कर दिया है.

ट्रंप 5 नवंबर के दिन का पिछले कुछ दिनों में कई बार जिक्र कर चुके हैं. दो नवंबर को ही गेम ऑफ थ्रोंस के अंदाज में उन्होंने बाकायदा एक ट्वीट किया था, जिस पर लिखा था 'प्रतिबंध आ रहे हैं'. ट्रंप के इस एक ट्वीट से कई देशों की नींद उड़ गई थी.

इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन आठ देशों को छह महीने की छूट प्रदान करेगा. हालांकि उन्होंने देशों के नाम नहीं बताया. पॉम्पियो ने कहा कि इन देशों ने पहले ही ईरानी तेल आयात को 'शून्य' तक लाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. पॉम्पियो ने कहा कि पांच नवंबर को अमेरिका दोबारा प्रतिबंध लगाएगा, जिसे ईरान के ऊर्जा, जहाज निर्माण, शिपिंग और बैंकिंग क्षेत्रों में परमाणु समझौते के तहत हटा लिया गया था.

अमेरिका ने सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों, समेत जर्मनी और यूरोपीय संघ(ईयू) के साथ ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को समाप्त करने के लिए किए गए समझौते से अपने हाथ पीछे खींच लिए थे, जिसके बाद ट्रंप ने मई में दोबारा प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी.

ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध से चंद घंटे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ये अब तक का सबसे सख्त फैसला होगा. ईरान पर आज से अमेरिकी प्रतिबंध लागू हो जाएगा. ट्रंप ने कहा कि ईरान पर प्रतिबंध अमेरिका की ओर से लिया गया अब तक का कठोरतम फैसला होगा. प्रतिबंध से चंद घंटे पहले व्हाइट हाउस के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा कि ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध बेहद कड़े हैं.

वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका भले ही ईरान पर दोबारा प्रतिबंध लगाकर अपने लक्ष्य को हासिल करना चाह रहा हो, लेकिन उसकी संभावना के विपरीत इससे तेहरान की अर्थव्यवस्था पर सीमित प्रभाव पड़ेगा. प्रेस टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, वाशिंगटन ने अगस्त में प्रतिबंधों के पहले चरण को दोबारा से लागू किया था. देश के ऊर्जा क्षेत्र समेत अन्य चीजों को निशाना बनाने वाला अगला चरण पांच नवंबर से प्रभावी होगा. प्रिंसटन विश्वविद्यालय के मध्यपूर्व नीति विशेषज्ञ व पूर्व ईरानी परमाणु वार्ताकार सैयद हुसैन मुस्सावैन ने कहा कि ईरान पर 40 वर्षों से ज्यादा समय से प्रतिबंध लगे हुए हैं. इसमें कुछ नया नहीं है.