अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के महाकाल की माटी और भस्म

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के महाकाल की माटी और भस्म

उज्जैन
 अयोध्या के राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को भूमिपूजन हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिन मंदिर का शिलान्यास करेंगे। मंदिर निर्माण के लिए कई तीर्थ स्थलों की मिट्टी के साथ ही महाकाल की भस्म और मिट्टी भी ले जाई जा रही है।

यह जानकारी शुक्रवार को आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर आचार्य शेखर ने दी। आचार्य शेखर ने बताया कि वे 2-3 तारीख को उज्जैन शिप्रा नदी में स्नान, ध्यान, पूजन के बाद महाकाल वन से मिट्टी और महाकाल मंदिर से भस्म लेकर अयोध्या रवाना होंगे। आचार्य शेखर के मुताबिक भगवान राम का हर ज्योतिर्लिंग से रिश्ता रहा है। इसलिए भव्य मंदिर निर्माण में मथुरा, माया, काशी, कांति, अवंतिका और पुरी सातों नगरी से कुछ न कुछ भूमि का दान पहुंच रहा है।

आचार्य ने बताया कि रामजन्म भूमि को पाने के लिए 500 सालों में 70 युद्ध हुए और हजारों की संख्या में हिंदू भक्त मारे गए। महाकाल वन में किसी भी शुभ स्थान से मिट्‌टी लेकर हम 5 अगस्त के पहले मिट्टी को पहुंचाने की कोशिश करेंगे। इसी प्रकार भगवान राम के ननिहाल की भी मिट्टी अयोध्या पहुंचेगी। भगवान का ननिहाल दक्षिण कौशल अब छत्तीसगढ़ के नाम से जाना जाता है।

उज्जैन आए थे भगवान राम

मान्यता है कि भगवान राम जब उज्जैन आए थे, जब उन्होंने भगवान शंकर की पूजा की थी। उनके नाम पर ही शिप्रा नदी के तट पर राम घाट बना है। जब उन्होंने अश्वमेघ यज्ञ किया था तब हनुमानजी शिप्रा और कोटितीर्थ का जल लेने यहां आए थे। इसी आस्था के साथ हम साधू-संत भी प्राचीन नगरी की पवित्र चीजों को लेकर अयोध्या पहुंच रहे हैं।

यह भी है खास

    -7 पुरियों में 12 ज्योतिर्लिंग और 51 शक्तिपीठ हैं।
    -इन स्थानों की मिट्टी से राम मंदिर का निर्माण होगा।
    -महाकाल को चढ़ी भस्म राम को बेहद पसंद थी।
    -विल्व पत्र और भस्म भी यहां से पहुंचाई जाएगी।