आदिवासियों के तीर से मारे गए ईसाई मिशनरी को पता था अपना अंजाम!

मुंबई
अंडमान निकोबार द्वीप समूह के नॉर्थ सेंटिनल द्वीप पर स्थानीय आदिवासियों के हाथों मारे गए + अमेरिकी शख्स और ईसाई मिशनरी जॉन एलन चाऊ (27) को आइलैंड के भीतर दाखिल होने का अंजाम मालूम था। इसका संकेत आइलैंड में दाखिल होने से पहले माता-पिता के नाम लिखे खत से मिलता है। इसमें उन्होंने साफ-साफ लिखा है, 'आइलैंड से मैं न लौटूं, तो मेरी मौत के लिए आदिवासियों या भगवान को दोष न देना।'
मारने वालों को माफ कर देना: चाउ
डेली मेल डॉट कॉम के हाथ लगे इस खत में चाऊ ने लिखा है- आप लोगों को लगता होगा कि मैं पागल हो गया हूं, मगर इन लोगों को जीसस के बारे में बताना जरूरी है। इन लोगों से मिलना बेमतलब नहीं है। मैं चाहता हूं कि ये लोग भी अपनी भाषा में प्रभु की आराधना करें।' वहीं, चाउ के परिवार ने चाऊ के इंस्टाग्राम अकाउंट से एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें वह मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को माफ करने की बात कह रहे हैं। बता दें कि जॉन एलन चाउ (27) पहले भी चार दफा अंडमान आ चुके थे और इस बार सेंटिनल लोगों का धर्म परिवर्तन कराना चाहते थे।
जनजातीय आयोग ने चेताया था
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने गुरुवार को अमेरिकी नागरिक की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए गृह मंत्रालय और अंडमान निकोबार प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि इस साल की शुरुआत में सरकार ने नॉर्थ सेंटिनल द्वीप को उन द्वीपों की लिस्ट से बाहर कर दिया था, जहां विदेशियों को बिना इजाजत जाने की मनाही थी। आयोग का कहना है कि हमने सरकार से जवाब मांगा था कि इस तरह की छूट क्यों दी गई, मगर जवाब अब तक नहीं मिला। हमने सरकार को लुप्त होती जनजातियों के इलाके में टूरिजम न विकसित करने की सलाह दी थी।