कमलनाथ का मंत्रिमंडल, दिल्ली में बड़ी बैठक जारी

 कमलनाथ का मंत्रिमंडल, दिल्ली में बड़ी बैठक जारी

भोपाल
 मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने 15 साल बाद प्रदेश की राजनीति से अपना वनवास खत्म करके एक बार फिर सत्तावापसी की है। लेकिन कांग्रेस की समस्या ये है कि, इसमें दिग्गज नेताओं की भरमार है। इसलिए हमेशा यहां पद को लेकर जद्दोजहद नज़र आती रहती है। इससे पहले विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सरकार बनाते समय सीएम पद को लेकर लंबे समय तक जद्दोजहद चली। तमाम अटकलों के बाद कमलनाथ के नाम पर सीएम पद की मुहर लगी। अब एक बार फिर कांग्रेस के सामने वेसी ही परिस्थितियां खड़ी हुई है। कारण है, मंत्रिमंडल में किसे जगह दी जाए और किसे नहीं।

इन नामों पर बहस जारी

तीन दिन से दिल्ली में डेरा जमाए हुए सीएम कमलनाथ कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मंत्रिमंडल के चयन को लेकर चर्चा करने में जुटे हुए हैं। पार्टी सूत्रों की माने तो, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पैरवी पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को मंत्रिपरिषद में शामिल करने पर जोर दिया जा रहा है। हालांकि, कुछ दिग्गजों का मानना है कि, वह विधानसभा में अपनी जगह सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं, तो कुछ का मानना है कि, पार्टी स्तर पर उनका कद बड़ा होने के चलते उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना चाहिए। इसके अलावा सुरेश पचौरी को कमलनाथ और सिंधिया समर्थक रामनिवास रावत के नाम को मंत्रिपरिषद में शामिल कराना चाह रहे हैं।

हारे हुए नेताओं में मंत्री बनने की होड़

मंत्रिमंडल को लेकर असमंजस की स्थिति बढ़ने का एक कारण यह भी है कि, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार बनाने में तो कामयाब हो गई, लेकिन पार्टी के कई दिग्गज नेताओं को चुनाव में शिकस्त मिली। हारे हुए बड़े नामों में सुरेश पचौरी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और सिंधिया खेमे के रामनिवास रावत और पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव शामिल है। इनकी हार के बाद अब पार्टी समर्थक इनको मंत्री मंडल में जगह देने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, इलेक्शन के नतीजे सामने आने से पहले ही कांग्रेस खेमे से खबरें आने लगीं थीं कि, पार्टी ने अपना मंत्रिमंडल भी सुनिश्चित कर लिया है। अब जिन दिग्गजों को संभावित मंत्रिमंडल में जगह मिल गई थी। उनके हारने के बावजूद भी उनके समर्थक उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने की बात कर रहे हैं।

अजय सिंह का नाम, तो हमारा क्यों नही

पार्टी सूत्रों का कहना है कि, दिल्ली में सबसे ज्यादा पेंच अजय सिंह के नाम पर फंस रहा है। लेकिन सवाल उठ रहा है कि अगर सिंह को जगह दी जा सकती है तो फिर सुरेश पचौरी और रामनिवास रावत को क्यों नहीं। सिंधिया के पास 22 विधायकों का समर्थन है। वह चाहते हैं कि उनकी टीम के मेंबर को भी मंत्री मंडल में जगह मिले। अगर अजय सिंह को जगह दी जा सकती है तो फिर रामनिवास रावत को क्यों नहीं। इसी सवाल को लेकर इतने समय से बहस चली आ रही है। साथ ही ये भी सवाल है कि, अगर अजय सिंह को मंत्रिपरिषद में जगह मिल रही है, तो कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी को इसमें स्थान क्यों ना दिया जाए, आखिर वो भी तो सीएम कमलनाथ के करीबी हैं।