कर्नाटक उपचुनाव रिजल्ट: और मजबूत होगा कांग्रेस-जेडी (एस) गठबंधन, बीजेपी को झटका

कर्नाटक उपचुनाव रिजल्ट: और मजबूत होगा कांग्रेस-जेडी (एस) गठबंधन, बीजेपी को झटका

 
बेंगलुरु 

कर्नाटक की 3 लोकसभा और 2 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों में कांग्रेस-जनता दल (सेक्युलर) गठबंधन ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। दो विधानसभा और 2 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज कर गठबंधन ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को तगड़ा झटका दिया है, जो इन चुनावों के जरिए कर्नाटक विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव, दोनों पर निशाना लगाने की तैयारी में थी। बीजेपी के हाथ केवल शिमोगा लोकसभा सीट आई है जबकि कांग्रेस-जेडी (एस) गठबंधन ने मांड्या और बेल्लारी लोकसभा सीटें अपने नाम की हैं। वहीं, रामनगर और जामखंडी विधानसभा सीट भी गठबंधन के खाते में गई हैं। इसी के साथ बीजेपी की विधानसभा में ताकत बढ़ाने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। 
 

आपको बता दें कि जिन पांच सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आए हैं, उनमें चार सीटें इस्तीफे की वजह से और एक सीट विधायक के निधन की वजह से खाली हुई थी। शिमोगा लोकसभा सीट बीएस येदियुरप्पा (बीजेपी), बेल्लारी लोकसभा सीट श्रीमुलु (बीजेपी) और मांड्या संसदीय सीट सीएस पुट्टाराजू (कांग्रेस) के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। वहीं रामनगर सीट से सीएम कुमारस्वामी (कांग्रेस) के इस्तीफे और जामखंडी सीट कांग्रेस विधायक सिद्धू न्यामगौड़ा (कांग्रेस) के निधन के बाद खाली हुई थी। अब नतीजों के बाद बेल्लारी और मांड्या कांग्रेस के खाते में गई तो बीजेपी को सिर्फ शिमोगा से संतोष करना पड़ा। बाकी दो विधानसभा सीटों पर भी कांग्रेस को ही जीत मिली। कुल मिलाकर बीजेपी को एक लोकसभा सीट का नुकसान उठाना पड़ा। 


5 राज्यों के विधानसभा चुनाव पर भी नतीजे का असर! 
इन उपचुनावों पर सभी की निगाहें इसलिए टिकी थीं क्योंकि इनके नतीजों का असर कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन पर भी पड़ेगा। मई में हुए चुनावों के दौरान दोनों पार्टियां एक दूसरे के खिलाफ लड़ी थीं लेकिन नतीजे आने के बाद गठबंधन कर लिया था। पांच सीटों में कांग्रेस ने जामखंडी और बेल्लारी और जेडीएस ने शिमोगा, रामनगर और मांड्या में प्रत्याशी उतारे। ऐसे में 2019 चुनाव से पहले गठबंधन की ताकत, आपसी तालमेल और जनता पर असर की परख इन चुनावों में देखने को मिली। गठबंधन के प्रदर्शन बीजेपी के लिए मुश्किल हालात पैदा हो गए हैं। 

 
दूसरे राज्यों पर असर 
इन नतीजों से गठबंधन की राजनीति को ताकत मिलने की उम्मीद है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और अगले साल लोकसभा चुनाव होंगे। कांग्रेस-जेडी(एस) का पहले से ही मानना है कि इन राज्यों के चुनावों पर कर्नाटक उपचुनाव का असर पड़ेगा। ऐसे में मिली जीत गठबंधन के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। 
 

एक-दूसरे के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश 
वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भी पार्टियां एक-दूसरे के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश में थीं। बीजेपी की कोशिश थी कि मई में 224 में से 104 सीटें विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद उपचुनाव जीतकर वह अपनी ताकत बढ़ाए लेकिन रामनगर और जामखंडी में कांग्रेस-जेडीएस के जीतने से उसकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। हालांकि, रामनगर पहले से ही जेडीएस का गढ़ है जहां से कुमारस्वामी ने जीत दर्ज की थी और अब उनकी पत्नी अनीता ने उसे बरकरार रखा है। ऐसे में बीजेपी का यहां जीतना चमत्कार ही होता लेकिन चुनाव से एक दिन पहले बीजेपी प्रत्याशी के पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी को बड़ा झटका लग गया।