किसान आंदोलन के दौरान पुलिस ने रोका तो सड़क पर बैठे शिवराज, कहा- नही चलने दूंगा सरकार

किसान आंदोलन के दौरान पुलिस ने रोका तो सड़क पर बैठे शिवराज, कहा- नही चलने दूंगा सरकार

बालाघाट
कमलनाथ सरकार के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने मोर्चा खोल रखा है। शिवराज द्वारा सरकार पर बार बार वादाखिलाफी के आरोप लगाए जा रहे है। सोमवार को भी शिवराज ने बालाघाट में किसानों के हक की लड़ाई के लिए आंदोलन किया। किसान आंदोलन की आमसभा के बाद मौजूद किसान, पदाधिकारी व कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट का घेराव करने बैलगाड़ी पर सवार होकर निकले तो रास्ते में ही करीब पांच सौ मीटर पहले ही पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर सभी को रोक दिया गया,तो गुस्साए शिवराज, किसानों और कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर ही बैठ गए। शिवराज ने कहा जो वादे किए उन सभी को पूरा करो वर्ना अभी तो धरना दिया है, आगे आंदोलन किया जाएगा, मैं सरकार चलना बंद कर दूंगा।

 दरअसल, सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने बालाघाट में कांग्रेस सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ किसान आंदोलन की शुरुआत की और सरकार पर जमकर हमला बोला।शिवराज ने कहा कि  पूर्ण कर्ज माफी, किसानों को उनकी उपज का समर्थन मूल्य देने, किसानों से खरीदे गए अनाज का भुगतान कर खराब हो रहे अनाज को बचाने तथा प्राकृतिक आपदा से पीड़ित किसानों को तत्काल मुआवजा दिलाने सहित 5 मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में किसान आंदोलन किए जाने का ऐलान किया। सरकार किसानों की कर्जमाफी करे, समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीदी करे और किसानों के साथ किए गए हर उस वादे को पूरा करे, जो कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान उनसे किए थे। उन्होंने किसानों के हितों के लिए पूरे प्रदेश में आंदोलन चलाने की बात भी कही। पूर्व कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन तथा भाजपा किसान मोर्चा के आह्वान पर आयोजित इस किसान आंदोलन में बड़ी संख्या में किसानों ने भागीदारी की।
 
शिवराज ने इतने पर ही नही रुके और उन्होंने कहा कि हम हंगामा नहीं कर रहे हैं। किसान परेशान है इसलिए हम चाहते हैं कि सरकार जागे और ध्यान दे। किसानों का दर्द गहरा और बड़ा है, इस दर्द से उन्हें निजात दिलाने के लिए हम यहाँ बैठे हैं। अगर सरकार अब भी नहीं चेती तो इस आंदोलन को पूरे राज्य में फैलाएँगे। उन्होंने कहा कि ओले-पाले से कई जगह किसानों की फसल तबाह हो गई है, सरकार कुंभकर्णी निद्रा में है। सर्वे भी नहीं किया जा रहा। मेरे समय में मैं अफसरों को निर्देश देता था कि नुकसान बढ़ाकर ही लिखा जाये ताकि किसानों को ज़्यादा से ज़्यादा राहत मिल सके और यहाँ तो नुकसान ही नहीं लिखा जा रहा।

वही सरकार को चेतावनी देते हुए शिवराज ने कहा कि किसानों के हक में हमारी मांगें साफ हैं। छत्तीसगढ़ में धान रु. 2,500 प्रति क्विंटल बिक रहा है। कॉंग्रेस ने अपने वचनपत्र में धान, गेंहू, मक्का, सोयाबीन, चना, फल व सब्जियों में बोनस देने का वादा किया लेकिन अब मुकर रही है। छत्तीसगढ वाले राज्य में बोनस दिया जा रहा है,हमारे किसानों ने पाप किया है ? किसानों की मांगों को लेकर उनके साथ आज बालाघाट में कलेक्ट्रेट के सामने धरना दे रहा हूँ। किसान भाइयों को धान की उपज के रु. 2,500 दो, सभी किसानों का कर्ज़ माफ करो। जो वादे किए उन सभी को पूरा करो वर्ना अभी तो धरना दिया है, आगे आंदोलन किया जाएगा, मैं सरकार चलना बंद कर दूंगा!