केंद्र में नहीं जाऊंगा, एमपी में जिऊंगा, एमपी में ही मरूंगा: शिवराज सिंह चौहान

केंद्र में नहीं जाऊंगा, एमपी में जिऊंगा, एमपी में ही मरूंगा: शिवराज सिंह चौहान

भोपाल 
मध्य प्रदेश में 13 साल तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल वह केंद्र की राजनीति नहीं करेंगे। एमपी में बीजेपी के चुनाव हारने के बाद यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि शिवराज अब केंद्र में जा सकते हैं। यह भी कहा जा रहा था कि शिवराज 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री बनने से पहले शिवराज कई बार लोकसभा के सांसद भी रह चुके हैं। 


शिवराज ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'मैं केंद्र में नहीं जाऊंगा। मैं मध्य प्रदेश में जिऊंगा और मध्य प्रदेश में ही मरूंगा।' बताते चलें कि शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को इस्तीफा देने के बाद कहा था कि वह अब मुक्त हो गए हैं और अब वह चौकीदारी का काम करेंगे। इसी से भी स्पष्ट होता है कि शिवराज फिलहाल मध्य प्रदेश में ही केंद्रित रहना चाहते हैं। शिवराज ने प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष कमलनाथ को जीत की बधाई देते हुए कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि कांग्रेस अपने वादे पूरे करेगी। 

5 बार लोकसभा सांसद रहे शिवराज 
शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी ने 2008 और 2013 का विधानसभा चुनाव भारी बहुमत से जीता था। शिवराज पहली बार 1990 में बुधनी सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे। इसके बाद उन्होंने केंद्र की राजनीति में कदम रखा था। 1991 में वह विदिशा से पहली बार लोकसभा सांसद बने। इसके बाद लगातार 1996, 1998, 1999 और 2004 में भी वह विदिशा से चुने गए। कुल मिलाकर वह पांच बार लोकसभा सांसद रहे। शिवराज 2005 में मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष बने थे। 29 नवंबर 2005 को पहली बार शिवराज को एमपी के सीएम की शपथ दिलाई गई थी। इसके बाद लगातार 13 साल तक वह राज्य के सीएम की कुर्सी पर बने रहे।