कोरोना पर नियंत्रण पाने शिक्षकों को भी उतारा मैदान में

कोरोना पर नियंत्रण पाने शिक्षकों को भी उतारा मैदान में

बिलासपुर
राज्य में बेकाबू होते जा रहे कोरोना संक्रमण से निपटने के लिये स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग के लिये शिक्षकों को कार्य पर लगाने के निर्देश जारी किए हैं। इसकी शुरूआत राज्य के बिलासपुर से हुई है जहां कलेक्टर ने तत्काल 64 शिक्षकों को ड्यूटी पर उपस्थित होने को कहा है।

उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप से बचाने और पर नियंत्रण पाने के लिये राज्य शासन ने सामाजिक संगठनों से इसमें सहयोग की अपील की थी। शासन अपने स्तर पर इससे निपटने के लिये पूरी तरह से जुआ हुआ है लेकिन उसके बावजूद संक्रमण बढ़ते जा राह है। डॉक्टरों सहित स्वास्थ्य कर्मचारी पूरी मुसतैदी के साथ मोर्चे पर डटे हुए हैं। सरकार ने इनके सहयोग के लिये रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और बिलासपुर में हालात को काबू करने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई लगाने का निर्णय लिश्या है। कोरोना मरीजों के कांटेक्ट ट्रेसिंग में शिक्षकों को लगाया गया है।

बिलासपुर कलेक्टर सारांश मित्तर के निर्देश पर जिले के 64 शिक्षक को कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के काम में लगाया गया है। सभी शिक्षकों को तत्काल ड्यूटी जॉइन करने का निर्देश दिया गया है। चूंकि शिक्ष्कों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी न होने की वजह से उन्हें आॅफिस कार्य में लगाया गया है ताकि वहां जो आफिस कार्य कर रहे स्वास्थ्य कर्मी मुक्त होकर कोरोना मरीजों के लिये काय्र कर सकें। हालांकि कुछ सेंटरों में स्वास्थ्य कर्मी ही लिखपढ़ी का कार्य कर रहे हैं और वह पूरा कर वह मरीज की सेवा कार्य में लग जाते हैं। ऐसी परिस्थितियों में ये स्वास्थ्य कर्मी दोनों ओर उतनी एकाग्रता से कार्य नहीं कर पाते। शिक्षकों के लिखापढ़ी कार्य किए जाने से ये स्वास्थ्य कर्मी वहां से मुक्त होकर मरीजों की ओर ध्यान दे सकेगें।