क्या दुबई की राजकुमारी की बरामदगी के तार मिशेल के भारत प्रत्यर्पण से तो नहीं जुड़े?
दुबई
भारत की मदद से यू.ए.ई. की राजकुमारी को सुरक्षित लौटाया जा चुका है। वहीं यू.ए.ई. द्वारा बिचोलिए मिशेल को भारत प्रत्यर्पण कर दिया गया। दोनों देशों की सरकारों द्वारा आपसी सूझबूझ से किए गए इस फैसले को राजकुमारी की बरामदगी के साथ जोड़ा जा रहा है। क्योंकि इससे पहले मिशेल के भारत प्रत्यर्पण में देरी हो रही थी। इस तरह राजकुमारी के सुरक्षित अपने देश पहुंचने में भारत द्वारा की गई मदद के बदले मिशेल को जल्दबाजी में प्रत्यर्पण किया गया है। इन दोनों घटनाओं के तार कहीं आपस में तो नहीं जुड़े? बी.बी.सी. की रिपोर्ट के अनुसार यू.ए.ई. से भागने के बाद दुबई के शासक की बेटी भारतीय तट से बरामद हुई थी।
32 वर्षीय शेखा लतीफा बिन मोहम्मद अल-मखतूम दुबई के शासक तथा यू.ए.ई. के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल-मखतूम की बेटी है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस मार्च के शुरू में उसे भारत के तट से करीब 30 मील दूर 4 बंदूकधारी व्यक्तियों द्वारा पकड़े जाने के बाद से उसके बारे में न तो सुना गया था न ही उसे देखा गया। बी.बी.सी. की डाक्युमैंटरी ‘एस्केप फ्राम दुबई’ में एक फ्रांसीसी पूर्व जासूस तथा फिनिश टीचर ने पहली बार राजकुमारी के गायब होने की विस्तृत योजना को बताया है
। इन दोनों का कहना है कि उन्होंने ही इसकी योजना बनाई तथा फिलीपिनों कू्र ने राजकुमारी को नया जीवन प्रदान करने के लिए उसके भागने में सहायता की। लतीफा शेख की बेटियों में दूसरे नम्बर पर आती है, जिसने शानो-शौकत भरे जीवन को छोड़कर भागने की कोशिश की और दोबारा पकड़े जाने की रिपोर्ट के बाद आलोप हो गई। ऐसे ही उसकी छोटी बहन 2000 में परिवार के सर्रे वाले एस्टेट से भागने के बाद कैम्ब्रिज की गलियों से बरामद हुई थी।
ब्रिटिश पुलिस ने स्पष्ट दिखने वाले अगवा घटनाक्रम को पूरी तरह से जांचा नहीं था। लतीफा ने अपने भागने के प्रयास से पहले एक वीडियो रिकार्डिंग में कहा था कि उसने पहले भी 16 वर्ष की आयु में यू.ए.ई. को छोडऩे की कोशिश की थी। उसी तजुर्बे को ध्यान में रखते हुए उसकी बहन ने भागने के दूसरे प्रयास को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया। 2011 में वह फ्रांसीसी कारोबारी तथा पूर्व नौसेना अधिकारी हार्वे जोबर्ट तक पहुंची थी जिसका दावा था कि उसने बोट के माध्यम से उसे भारत तक पहुंचाया है।