घरेलू दर्शकों के सामने सर्वश्रेष्ठ करने को तैयार: मनीषा
नयी दिल्ली
भारत की बैंथमवेट मुक्केबाज मनीषा अपनी पहली महिला विश्व चैम्पियनशिप को लेकर काफी उत्साहित हैं और आत्मविश्वास से भरी इस युवा को उम्मीद है कि वह घरेलू दर्शकों और कोच की उम्मीदों पर खरा उतरकर सफलता हासिल करने में सफल रहेगी। मनीषा कल अमेरिका की क्रिस्टीना व्रूच्च्ज के खिलाफ भारतीय अभियान की शुरूआत करेंगी जो 2016 विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीत चुकी हैं। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के हाई परफोरमेंस निदेशक सांटियागो निएवा और विदेशी कोच रफाएल बर्गामास्को उनके प्रदर्शन से प्रभावित हैं और उनकी निगाह में वह पदक की दावेदारों में शुमार हैं। मनीषा ने कहा कि भारत के लिये शुरुआत मैं ही करूंगी, जिससे मेरी बाउट है वह 2016 विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीत चुकी है। काफी कड़ी प्रतिस्पर्धा होने वाली है। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ करूंगी। घरेलू दर्शकों के सामने क्या दबाव होगा, इस पर उन्होंने कहा कि घरेलू दर्शकों के सामने खेलना उत्साह बढ़ाने वाला होगा, इससे जोश आयेगा।
मनीषा (54 किग्रा) इस साल फार्म हैं, उन्होंने इंडिया ओपन में स्वर्ण पदक से शुरुआत की जिसके बाद कजाखस्तान में कांस्य और फिर सितंबर में पोलैंड में सिलेसियान ओपन मुक्केबाजी टूर्नामेंट में रजत पदक अपने नाम किया था जिसमें भारत की स्टार मुक्केबाज एमसी मैरीकाम ने स्वर्ण पदक हासिल किया था। एशियाई युवा चैम्पियन मनीषा को फाइनल में यूव्रेच्च्न की इवाना कु्रपेनिया से हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि पोलैंड में शुरुआत में ही मेरी बाउट विश्व चैम्पियनशिप की स्वर्ण पदकधारी कजाखस्तान की मुक्केबाज के साथ थी, जिसके बाद रूस की यूरोपीय चैम्पियन के साथ थी और तीसरे में यूक्रेन की मुक्केबाज से हार गयी थी। अगस्त में मनीषा ने युवा विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक भी जीता था। पोलैंड के बाद खुद की तकनीक में आये सुधार के बारे में मनीषा ने कहा कि इंडिया ओपन में मैंने सीनियर मुक्केबाज मीना कुमारी को हराया था, ट्रायल में भी उन्हें हराया। कोच भी बता रहे थे कि सुधार हुआ है। टूर्नामेंट दर टूर्नामेंट भी सुधार हो रहा है।
मनीषा का कहना है कि वह किसी बड़े टूर्नामेंट में नहीं खेली हैं लेकिन सीनियर मुक्केबाजों और कोच की बात से उन्हें विश्व चैम्पियनशिप की व्यापकता का अंदाजा हुआ। उन्होंने कहा कि टूर्नामेंट काफी कठिन होगा, लेकिन पहली विश्व चैम्पियनशिप घरेलू दर्शकों के सामने खेलना अच्छा है, इससे फायदा मिलेगा। कोई दबाव नहीं होगा। उन्होंने सीनियर खिलाड़ियों से मिलने वाले टिप्स के बारे में कहा कि मैं सीनियर मुक्केबाजों से टिप्स लेती रहती हूं, जिसका फायदा भी मिलता है।