चांदी में पैसा लगाने से मिल सकता है शानदार रिटर्न

चांदी में पैसा लगाने से मिल सकता है शानदार रिटर्न

 नई दिल्ली 
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर, ईरान पर प्रतिबंध और रुपये में कमजोरी वाले अनिश्चितता के इस दौर के बावजूद चांदी के दाम में रैली नहीं दिखी है, जबकि गोल्ड में तेजी आई है। बाजार चांदी के दोहरे दर्जे पर ध्यान नहीं दे रहा है कि यह बुलियन के साथ इंडस्ट्रियल कमोडिटी भी है और यही इस मेटल के अंडरपरफॉर्मेंस की असल वजह है। इंडिया निवेश कमोडिटीज के डायरेक्टर मनोज कुमार जैन ने कहा कि मार्केट सिल्वर को केवल इंडस्ट्रियल कमोडिटी की तरह देख रहा है। 

विशेषज्ञों का मानना है कि सिल्वर का अंडरपरफॉर्मेंस शॉर्ट टर्म में चलता रहेगा क्योंकि गोल्ड की तरह इसे कीमती धातु नहीं माना जा रहा है। शेयरखान कॉमट्रेड के एवीपी प्रवीन सिंह ने कहा, 'जब तक ट्रेड वॉर और इसके चलते ग्लोबल इकनॉमिक स्लोडाउन का डर बना हुआ है, तब तक अन्य इंडस्ट्रियल कमोडिटीज के साथ सिल्वर का प्रदर्शन गोल्ड से कमजोर बना रहेगा।' शॉर्ट टर्म में अंडरपरफॉर्मेंस की स्थिति दिखने के बावजूद चांदी लंबी अवधि के निवेश के लिए अच्छा दांव हो सकता है। 

गोल्ड-सिल्वर रेश्यो कई दशकों के ऊंचे स्तर पर है। इसका अर्थ यह है कि गोल्ड की तुलना में चांदी अंडर-प्राइस्ड है। इससे भी अहम बात यह है कि सिल्वर 75020 रुपये प्रति किलोग्राम के अपने ऑल टाइम हाई (2011 में यह लेवल बना था) के करीब आधे स्तर पर ट्रेड कर रहा है, लिहाजा इसमें चढ़ने की काफी संभावना दिख रही है। यही वजह है कि निवेशकों ने एक दमदार असेट के रूप में इस पर फिर से विचार करना शुरू कर दिया है। होलसेल जूलरी वेलफेयर असोसिएशन के प्रेजिडेंट हसमुख बाफना ने कहा, 'पिछले एक-दो महीनों में चांदी में दिलचस्पी बढ़ी है। अब ज्यादा लोग चांदी खरीद रहे हैं।' 

सिल्वर के अंडर-वैल्यूएशन के अलावा मीडियम टर्म में कुछ और फैक्टर इस मेटल के फेवर में दिख रही हैं। शेयरखान कॉमट्रेड के सिंह ने कहा, 'कम कीमत के कारण सिल्वर का प्रॉडक्शन अभी घट रहा है और अगले 2-3 साल के लिए यह अच्छा संकेत है। अभी इसका दाम 14.82 डॉलर यानी 1061 रुपये प्रति ट्रॉय औंस के करीब है। साल 2019 में इसके 17 डॉलर यानी 1218 रुपये और साल 2021 में 21 डॉलर यानी 1504 रुपये तक पहुंचने की संभावना है।'