छत्तीसगढ़ में बसपा ने घोषित किए 6 प्रत्याशी, खतरे में अजीत जोगी के साथ गठबंधन!

रायपुर
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2018 से पहले एक साथ आई बसपा और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर मतभेद उभर आए हैं. आम चुनाव में दोनों के बीच गठबंधन पर भी पशोपेश की स्थिति है. लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों में से 6 सीटों पर बसपा ने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है. बताया जा रहा है कि बसपा ने प्रत्याशियों के नाम के ऐलान से पहले अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) से चर्चा नहीं की. इसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि गठबंधन लोकसभा चुनाव से पहले टूट सकता है.
छत्तीसगढ़ बसपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत पोयाम ने 19 मार्च को प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की. पहले पत्र में बस्तर और कांकेर सीट पर क्रमश: आयतु राम मंडावी और सूबे सिंह ध्रुवे का नाम था. इसके बाद दूसरी सूची में जांजगीर चांपा सीट से दाउराम रत्नाकर का नाम जोड़ दिया गया. इसके बाद तीसरी सूची में तीन अन्य सीटों पर भी प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया गया. इस सूची में सरगुजा सीट से माया भगत, रागयढ़ सीट से इन्नोसेंट कुजूर और दुर्ग लोकसभा सीट से गीतांजली सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है.
मुझसे नहीं किया संपर्क: अजीत जोगी
बसपा द्वारा प्रत्याशियों के नाम के ऐलान के बाद जेसीसी (जे) प्रमुख अजीत जोगी ने मीडिया से चर्चा में प्रतिक्रिया दी. पूर्व सीएम अजीत जोगी ने कहा कि बसपा ने जिन सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं, उन सीटों के बारे में ना तो मुझसे और ना ही प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी से पूछा गया है. लोकसभा में वैसे भी हमारी कोई दिलचस्पी नहीं है. ना तो हमारी लोकसभा चुनाव में कोई तमन्ना है और ना ही कोई संभावना है. संभावना और दिलचस्पी बीएसपी की है, लेकिन एक बात मैं जरूर कहना चाहूंगा कि हमारा गठबंधन हो या ना हो, लेकिन हमारे और मायावती जी के रिश्ते बने रहेंगे.
इस बीच पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने एक ट्वीट किया है. अमित जोगी ने लिखा— जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन अटूट है. हम साथ थे, हम साथ हैं और भविष्य में भी साथ रहेंगे. लोक सभा चुनाव 2019 में देश में साम्प्रदायिक ताक़तों को रोकना और दिल्ली में छत्तीसगढ़ की आवाज़ को बुलंद करना हमारे प्राथमिक लक्ष्य हैं.