जबलपुर में बनेगा मिष्ठान एवं नमकीन क्लस्टर, भारत सरकार को भेजा प्रस्ताव

जबलपुर में बनेगा मिष्ठान एवं नमकीन क्लस्टर, भारत सरकार को भेजा प्रस्ताव

जबलपुर
प्रदेश सरकार के रोजगार के लिये उदयोगों और निवेश को बढ़ावा देने के निर्णयों के चलते युवाओं को नई उम्मीदें मिली हैं । सरकार ने जिस तेजी से निवेश के निर्णय लिये हैं उससे रोजगार की राह देख रहे युवा उत्साहित हैं। जबलपुर में मिष्ठान एवं नमकीन क्लस्टर के लिये भारत सरकार को भेजा गया है। यह महाकौशल क्षेत्र में नया कदम साबित होगा। मालवा क्षेत्र में इंदौर में कन्फेक्शरी क्लस्टर बन रहा है जो स्थानीय लोगों के लिये रोजगार उपलब्ध करायेगा। इसके अलावा मोहना औद्योगिक क्षेत्र धार, अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र भोपाल, लेहगडुआ औद्योगिक क्षेत्र छिन्दवाड़ा और जावरा औदयोगिक क्षेत्र रतलाम में टेक्सटाइल पार्क आ रहे हैं। इसमें भी स्थानीय युवाओं को रोजगार के मौके मिलेंगे।

खाद्य प्र-संस्करण के क्षेत्र में नई इकाइयों की स्थापना का काम चल रहा है। इस नये दृश्य को देखते हुए कहा जा सकता है कि जिस तेजी से तीन माह के अंतराल में निवेश और उदयोग स्थापना की प्रक्रियाएँ आगे बढ़ी हैं, उससे भविष्य में युवाओं को बहुत उम्मीदें हैं।

प्रदेश में लगने वाले उद्योगों में स्थानीय युवाओं को 70 प्रतिशत रोजगार देना अनिवार्य करने के निर्णय के बाद अब जरूरी हो गया है कि तेजी से उद्योग आयें। इंडिया सीमेंटस, एचईजी, वंडर सीमेंट, प्रॉक्टर एंड गैंबल जैसे बड़े उद्योगों के छह हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी मिल गई है । इससे 7500 युवाओं को रोजगार मिल सकेगा।

युवाओं को रोजगार से जोडने के लिये कई योजनाओं पर काम चल रहा है। हाल में गांवों में युवाओं को सरकारी जमीन का उपयोग उद्यानिकी फसलों के लिये करने का निर्णय महत्वपूर्ण है और कई अर्थों में यह क्रांतिकारी साबित होगा। युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें तत्काल रोजगार से जोड़ने की मंशा सरकार ने जाहिर की है इससे युवाओं में आगे बढ़ने की उम्मीद जागी है।

मध्यप्रदेश का विकास परिदृश्य कई मायनों में बहुरंगी और बहुआयामी रहा है। सरकारें अपनी सोच और दृष्टिकोण लेकर आती हैं और काम करती हैं। समय के साथ नई नीतियों और निर्णयों की जरूरत होती है। इस दृष्टि से पिछले 15 सालों के बाद जब राज्य की कमल नाथ सरकार ने शासन करना शुरू किया तो ऐसे निर्णय लेना जरूरी हो गया जो प्रदेश के विकास को और ज्यादा तेजी से आगे ले जाये। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने देरी नहीं की। शासन-प्रशासन की शुरूआत दो लाख के कर्ज में डूबे किसानों के कर्जे माफ करने के आदेश से हुई। यह प्रदेश के इतिहास में बड़ा कदम है। करीब 21 लाख के कर्जे माफ हो चुके हैं या अंतिम प्रक्रिया में हैं । कर्ज माफी के दूसरे चरण की शुरूआत हो चुकी है।

इसी बीच लोक सभा चुनावों के कारण आचार संहिता में करीब तीन महीने लग गये। सही अर्थों में सरकार को अपने काम के लिये सिर्फ तीन महीने ही मिल पाये। इतने कम से समय में जिस तेजी से निर्णय लिये गये हैं उससे प्रदेश की जनता का विश्वास लौटा है।

सरकार ने प्रदेश के विकास और आम नागरिकों की समृद्धि के लिये अपना संकल्प दोहराया है। तेज गति से लिये गये निर्णयों से यह सिद्ध कर दिया है कि सरकार आम नागरिकों की सरकार है। मध्यप्रदेश के विकास का नया इतिहास लिखने के लिये तैयार है। मध्यप्रदेश के सामाजिक, आर्थिक और विकास के अधोसंरचनात्मक ढाँचे को मजबूत करने के लिये जिस अनुभवी और दूरदृष्टि रखने वाले नेतृत्व की जरूरत थी, वह प्रदेश को मिल गया है। तीन महीनों के निर्णयों ने विकास के हर क्षेत्र में दस्तक दी है।