जलवायु परिवर्तन के कारण कहीं सूखा, तो कहीं भारी बारिश: CM नीतीश
पटना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम जनता के काम के लिए समर्पित हैं। लोगों की सेवा करना ही हमारा धर्म है। हम काम करते, उसका प्रचार नहीं करते हैं। जो काम नहीं करता है, वह प्रचार खूब कराता है। उन्होंने बिना किसी का नाम लिये कहा कि कैसी-कैसी भाषा का प्रयोग लोग कर रहे हैं। भाषा की एक मर्यादा होनी चाहिए। हमनें कभी किसी की मर्यादा पर असर डालने की कोशिश नहीं की। मेरे जैसे व्यक्ति को डुबाने के लिए जो करना है करिए। पर, समाज में शांति, प्रेम और भाईचारी कायम रखने के लिए काम करते रहेंगे। हम गांधी के सपनों का समाज बनाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ज्ञान भवन में गांधी विचार समागम और जल-जीवन-हरियाली अभियान का शुभारंभ करने के बाद अपना संबोधन दे रहे थे।
फसल चक्र में परिवर्तन की जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण कहीं सूखा तो कई अत्यधिक बारिश हो रही है। जब पानी की जरूरत होती है तो बारिश नहीं होता। जब पानी की जरूरत कम रहती है तो काफी अधिक बारिश हो जाती है। दो-तीन दिनों में ही 300 से 500 मिलीमीटर तक बारिश हो जाती है। ऐसे में फसल चक्र में परिवर्तन की जरूरत है, जिसके लिए राज्य सरकार किसानों को जागरूक कर रही है। पटना में जलजमाव पर कहा कि पानी निकासी तेजी से की जा रही है। मुख्यमंत्री ने एक था मोहन और एक कैलेंडर का विमोचन किया।
आज भी गांधी के विचार प्रासंगिक
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि गांधी 100 साल पहले गांधी के विचार और दर्शन जितने प्रासंगिक थे, उतने आज भी हैं। गांधी के विचार को कोई मार नहीं सकता। कुटीर और ग्रमोद्योग, खादी और चरखा आदि उनकी पहचान हो गए हैं। उन्होंने केवल आजादी ही नहीं दिलाई, बल्कि कमजोर वर्ग के लिए लड़ाई लड़ते रहे। देश जब आजादी का जश्न मना रहा था तो उस दिन गांधी जी दिल्ली में नहीं थे। वे पश्चिम बंगाल में हिन्दू-मुस्लिम एकता का मशाल जला रहे थे। महात्मा गांधी स्वच्छता चाहते थे। वे राजनीतिक आजादी से भी अधिक महत्व स्वच्छता को देते थे। स्वच्छता का एक आयाम है शौचालय। केंद्र सरकार ने पांच सालों में सभी लोगों के लिए यह उपलब्ध कराया है। उन्होंने कहा कि पिछले 200 सालों में गांधी जैसा व्यक्ति कोई दूसरा दुनिया में जन्म नहीं लिया। छुआछूत के खिलाफ दे गांधी। इसको लेकर उन्होंने नौ महीने तक 12500 किलोमीटर का दौरा किया था।