जाली दस्तावेजों पर देवरिया के शेल्टर होम से विदेश भेजी गईं बच्चियां

देवरिया
उत्तर प्रदेश के देवरिया स्थित बाल गृह से एक बच्चा एवं दो बच्चियों को इस वर्ष फरवरी में स्पेन और फ्रांस भेज दिया गया। इस शेल्टर होम में बच्चों के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने एवं उनकी तस्करी करने का आरोप लगने के बाद यूपी पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) की जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। एसआईटी ने इलहाबाद हाई कोर्ट में अपनी चार्जशीट दाखिल की जिसमें कहा गया है कि फरवरी महीने में विदेशियों ने तीन बच्चों को फर्जी दस्तावेजों को जरिए गोद लिया।
पुलिस ने अपनी चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस ऐक्ट (किशोर न्याय अधिनियम) की अतिरिक्त धाराओं के साथ-साथ जालसाजी, आपराधिक षडयंत्र और मानव तस्करी के आरोप लगाए। मामले में गिरफ्तार आरोपियों में मां विंध्यवासिनी महिला एवं बालिका संरक्षण गृह की संचालक गिरिजा त्रिपाठी, उनके पति मोहन त्रिपाठी, उनके दामाद संजीव और बेटी कंचनलता के अलावा डॉक्टर योगेंद्र कुमार दुबे, नर्स हयात अफरोज और बाल गृह का एक कर्मचारी प्रदीप शामिल हैं।
अगस्त महीने में 11 वर्ष की एक बच्ची पुलिस बाल गृह से बचकर निकल गई और पुलिस के पास जाकर बताया कि उसके बाल गृह में उसका यौन उत्पीड़न होता था और उसके साथ मारपीट की जाती थी। इसके बाद देवरिया पुलिस ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस बाल गृह की करतूतों का खुलासा किया था। पुलिस ने बताया था कि कुछ लड़कियों की जबरन शादी करवा दी गई और कई अन्य गायब हो गईं। हालांकि, उस बाल गृह का लाइसेंस जून महीने में ही रद्द हो चुका था, लेकिन वह अवैध तरीके से संचालित हो रहा था।