झारखंड: लोगों को करना पड़ रहा श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए इंतजार

रांची
कोरोना की दूसरी लहर ने झारखंड में भी कहर बरपाना शुरू कर दिया है। रांची में कोरोना से होने वाली मौतों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। हालात यह है कि अब श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार करने के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है, क्योंकि श्मशान घाटों में शवों को जलाने के लिए जगह नहीं बची है।
झारखंड में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा हर रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है। पिछले 10 दिनों में रांची के श्मशान और कब्रिस्तान में शवों के आने की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है।
बता दें कि रविवार को रिकॉर्ड 60 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इनमें 12 शव कोरोना संक्रमितों के थे। जिनका दाह संस्कार घाघरा में सामूहिक चिता जला कर किया गया। 35 शव पांच श्मशान घाटों पर जलाए गए और 13 शवों को रातू रोड और कांटाटोली कब्रिस्तान में दफन किया गया।
सबसे अधिक शवों का दाह संस्कार हरमू मुक्ति धाम में हुआ। मृतकों की संख्या अधिक होने से मुक्तिधाम की इलेक्ट्रिक शव दाह मशीन खराब हो गई। जिसकी वजह से शव जलाने वालों की कतार लग गई। एंबुलेंस से शव लेकर आए लोगों ने पहले घंटों इंतजार किया। फिर भी जब जगह नहीं मिली तो कुछ लोगों ने खुले में ही चिता सजाकर शव जलाना शुरू कर दिया।
कोरोना से मरने वालों के शवों को इलेट्रिक मशीन के जरिए जलाया जाता है, लेकिन जगह नहीं रहने की वजह से लोगों को मुक्तिधाम के सामने की सड़क पर वाहनों की पार्किंग में ही शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ा। मशीन खराब होने की वजह से हालात ऐसे हो गए कि देर शाम तक हरमू मुक्तिधाम में कई लोग शव लेकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। हालांकि अब मशीन को ठीक कर लिया गया है।