तेजस्वी पर सवाल उठा चुके मांझी बोले, महागठबंधन पहले से अधिक मजबूत
पटना
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद गठबंधन की एकता और नेतृत्व को लेकर उठ रहे सवालों के बीच मंगलवार को महागठबंधन के नेता जुटे। चुनाव के बाद पहली बार जुटे नेताओं ने दावा किया कि महागठबंधन अटूट था, है और रहेगा। विधानसभा की पांच और लोकसभा की एक सीट के लिए होने वाले उप चुनाव को मिलकर लड़ने का एलान किया। नियोजित व वित्तरहित शिक्षकों की बदहाली, अतिक्रमण हटाओ अभियान सहित अन्य मसलों पर महागठबंधन ने मजबूती से सड़क पर उतरने का निर्णय लिया। हालांकि बैठक में तेजस्वी प्रसाद यादव को सीएम उम्मीदवार मानने को लेकर महागठबंधन के नेताओं के बीच कोई चर्चा नहीं हुई।
तेजस्वी यादव की पहल पर पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास 10 सर्कुलर रोड में हुई इस बैठक में यदा-कदा एक-दूसरे के खिलाफ बयान देने के बावजूद महागठबंधन के सभी घटक दलों के नेता शामिल हुए। देर शाम शुरू हुई और लगभग दो घंटे तक चली इस बैठक में ‘हम’ अध्यक्ष जीतन राम मांझी, कांग्रेस के बिहार सह प्रभारी वीरेन्द्र राठौड़, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा, रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा और वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी शामिल हुए। महागठबंधन की एकता दिखाने के लिए बैठक की जानकारी मीडिया में साझा करने का जिम्मा मांझी को दिया गया। हालांकि सवालों के जवाब में मांझी ने तेजस्वी के नेतृत्व पर कुछ भी साफ नहीं कहा। सिर्फ इतना कहा कि एक ही बैठक में सभी मसलों पर चर्चा नहीं हो सकती।
मांझी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में महागठबंधन के पहले से और मजबूत व अटूट होने का दावा किया। कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद लंबे समय तक संवाद कायम नहीं होने से जनता के बीच अच्छा संदेश नहीं गया। इसलिए तय हुआ है कि हर महीने हम बैठेंगे। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाकर जनता के मुद्दों पर सड़क पर उतरेंगे। एनडीए को हराने के लिए आने वाले उपचुनाव में महागठबंधन अपना संयुक्त उम्मीदवार उतारेगा। प्रदेश राजद अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि 12 अक्टूबर को राममनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर बापू सभागार में महागठबंधन के नेताओं का जुटान हो सकता है।
वहीं, सभी नेताओं के हस्ताक्षर से जारी संयुक्त बयान में भी महागठबंधन ने आरोप लगाया कि केंद्र व राज्य सरकार को आम जनता की परवाह नहीं है। बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों और किसानों की दुर्दशा पर महागठबंधन संघर्ष करेगा। आरोप लगाया गया कि आरएसएस और भाजपा आरक्षण विरोधी साजिश रच रही है। महागठबंधन इसका पर्दाफाश करेगा। बैठक में राजद के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह व आलोक कुमार मेहता, रालोसपा प्रवक्ता राजेश यादव भी शामिल हुए।