तेलंगाना से कांग्रेस को तगड़ा झटका, 12 विधायक TRS में होंगे शामिल

हैदराबाद
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी के आलाकमान के लिए अब तेलंगाना से बुरी खबर आ रही है. तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी के 18 में से 12 विधायकों ने सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) में शामिल होने का फैसला किया है. इन्होंने अपनी कांग्रेस पार्टी को तेलंगाना राष्ट्र समिति में विलय करने के लिए विधानसभा स्पीकर पोचराम श्रीनिवास से मिलकर अपील की है. इसे कांग्रेस पार्टी के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है.
कांग्रेस पार्टी के इन विधायकों के खिलाफ दलबदल अधिनियम के तरह कार्रवाई भी नहीं हो पाएगी, क्योंकि यह विलय पूरी तरह से कानूनी है. दलबदल कानून के मुताबिक अगर किसी विधानसभा या संसद में किसी पार्टी के दो तिहाई विधायक अपनी पार्टी को किसी दूसरी पार्टी में विलय करते हैं, तो उनके खिलाफ दलबदल कानून के तरह कोई कार्रवाई नहीं होती है. यानी दो तिहाई विधायक मिलकर अपनी पार्टी का किसी दूसरी पार्टी में विलय कर सकते हैं. लिहाजा ऐसे विधायकों की सदस्यता भी बरकरार रहती है.
आपको बता दें कि पिछले साल दिसंबर में तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली थी और तेलंगाना राष्ट्र समिति ने सूबे में सरकार बना ली थी. अब लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है. तेलंगाना में लोकसभा की 17 सीटें हैं, जिनमें से 9 सीटों पर तेलंगाना राष्ट्र समिति, 4 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी, तीन सीटों पर कांग्रेस पार्टी और एक सीट पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन को जीत मिली है.
इससे पहले तेलंगाना विधान परिषद में कांग्रेस पार्टी का टीआरएस में विलय हो चुका है. तेलंगाना विधान परिषद में कांग्रेस पार्टी का टीआरएस में विलय हो चुका है. 4 कांग्रेस एमएलसी में से तीन एमएलसी ने टीआरएस का दामन थाम लिया था.
वहीं, तेलंगाना विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के विलय को लेकर विरोध भी शुरू हो गया है. तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी, तेलंगाना कांग्रेस विधायक दल के नेता मल्लु भट्टी विक्रमार्क समेत अन्य कांग्रेसी नेताओं ने इस विलय के खिलाफ विधानसभा में गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस के इन नेताओं ने टीआरएस पर तेलंगाना विधानसभा में विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. इन कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी के नेताओं को पैसा देकर टीआरएस में विलय कराया जा रहा है.